कोलकाता रेप-मर्डर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में कुछ देर में सुनवाई शुरू हो गई है। चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। CJI ने कहा- ये सिर्फ कोलकाता का नहीं, पूरे देश के डॉक्टर्स की सुरक्षा का मामला है, इसलिए हमने स्वत: संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को स्वतः नोटिस लिया था।
दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी। उसके बाद डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। वहीं 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में भीड़ ने घुसकर तोड़फोड़ की थी।
19 अगस्त को डॉक्टरों और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच मीटिंग हुई थी। इसमें सहमति नहीं बन पाई। FAIMA (फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) ने अपनी हड़ताल जारी रखी। CJI: जब प्रिंसिपल का आचरण जांच के दायरे में है तो उसको तुरंत दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे नियुक्त किया गया। सीबीआई को गुरुवार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर हमें स्थिति से अवगत कराना चाहिए। यह संवेदनशील मामला है, इसलिए इसे हमें ही दिया जाए। आज हम आदेश पारित करेंगे।
सिब्बल: हमने आरोपी को पकड़ लिया, जो सिविल वालंटियर था।
CJI: घटना के अगले दिन डॉक्टर विरोध कर रहे थे और भीड़ ने अस्पताल पर हमला किया। महत्वपूर्ण सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया। कोलकाता पुलिस क्या कर रही थी? घटनास्थल अस्पताल में है। पुलिस को इसकी सुरक्षा करनी है। वे क्या कर रहे हैं?
CJI: सुबह-सुबह घटना सामने आने के बाद प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की। माता-पिता को शव देखने की अनुमति नहीं दी गई।
सिब्बल: यह सही नहीं है।
CJI: देर रात तक कोई एफआईआर नहीं हुई।
सिब्बल: अप्राकृतिक मौत का मामला तुरंत दर्ज किया गया, जो कि एफआईआर में है।
]CJI: प्रोटोकॉल कागज पर नहीं हो सकता, बल्कि पूरे भारत में लागू किया जा सकता है। कोलकाता के मामले में हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पीड़ित का नाम और फोटो, वीडियो सभी मीडिया में प्रकाशित हो रहे हैं। ग्राफिक में उसका शव दिखाया गया है] जो घटना के बाद का है।