लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन प्रभावित,किसान हुए खुश,पर्यटन स्थलों की बढ़ी खूबसूरती। देखिए वीडियो।

Acn18.com/कोरबा में हो रही झमाझम बारिश ने किसानों को मुस्कुराने का मौका जरुर दिया है,लेकिन इससे आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त और व्यस्त हो गया है। मंगलवार की दोपहर से हो रही झमाझम बारिश ने लोगों को काफी प्रभावित किया है। सुबह बच्चों को स्कूल जाने में भारी बारिश का सामना करना पड़ा वही लोग ऑफिस और दफ्तर जाने के लिए भी रेनकोट और छाता का सहारा लेना पड़ा। मंगलवार की दोपहर से झमाझम बारिश हुई उसके बाद कुछ समय के लिए बूंदाबांदी शुरू हुई फिर उसके बाद देर रात झमाझम बारिश शुरू हुई और सुबह तक पानी गिरता रहा। इस बारिश से सड़क के गड्ढों पर पानी ही अपनी नजर आया वहीं खेतों में जल भराव से किसानों को काफी राहत भी मिली है क्योंकि काफी लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण फसल प्रभावित भी हो सकता था किसानों की माने तो अत्यधिक बारिश से भी फसल नुकसान हो सकता है अधिक जल भराव के कारण फसल नष्ट भी हो जाता है। लगातार हो रहे हैं बारिश के कारण भी नदी नाले उफान पर आने लगे हैं बालको क्षेत्र में कई ऐसे छोटे बड़ी नाली नाला है जहां पानी का तेज बहाव देखने को मिल रहा है।शहरी क्षेत्र में भी कई ऐसे जगह हैं जहां झमाझम बारिश के कारण लोगों को कीचड़ का सामना करना पड़ रहा है। हसदेव नदी किनारे भी बसे बस्ती राताखार, इमली डुग्गू, मोती सागर पारा बस्ती के लोग अधिक बारिश होने के बाद चिंता में डूब जाते हैं क्योंकि नदी किनारे होने के कारण डेम से पानी छोड़ने के बाद कई घर प्रभावित हो जाते हैं।कोरबा.जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर लेमरु से श्यांग मार्ग पर नकिया जलप्रपात का सौंदर्य बारिश में निखर आया है.दूधिया पानी 18 फीट की ऊंचाई से गिरते हुए मनमोहन नजर आता है.लेकिन बारिश में पत्थर में काई जमने से फिसलन बढ़ गई है. इसलिए बारिश के समय बीच में न जाएं.चोरनई नदी में स्थित नकिया जलप्रपात आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसके नीचे 12 किलोमीटर दूर देवपहरी का गोविंद झुंझा जलप्रपात है. लेकिन बारिश के समय यहां जाना प्रतिबंधित कर दिया जाता है। नकिया जलप्रपात पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं. यहां बालको से अजगरबहार, सतरंगा, गढ़ उपरोड़ा, देवपहरी, लेमरू होते हुए जा सकते हैं. दूसरा रास्ता बालको वन विभाग बैरियर से काफी पॉइंट होते हुए लेमरू से नकिया है.गर्मी में भी यह जलप्रपात नहीं सूखता है.