Acn18.com/केंद्र की मोदी सरकारी ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगतार सात बार बजट पेश कर इतिहास जरुर रच दिया है,लेकिन बजट को लेकर सकारात्मकता देखने को नहीं मिल रही है। बजट को लेकर श्रमिक संगठन एटक के वरीष्ठ नेता दिपेश मिश्रा ने इस बजट को झूठ का पुलिंदा बनाया है। बजट में उन्होंने जीडीपी बढ़ने का जिक्र किया है,लेकिन उसका जो फायदा मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रहा है। बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ते जा रही है,लेकिन उसे दूर करने की कोई ठोस योजना सरकार के पास नहीं है,जो बजट में साफ तौर पर नजर आ रहा है। महंगाई बेलगाम हो चुकी है,जिससे पूरे देश की जनता त्रस्त हो चुकी है,लेकिन बजट में महंगाई पर लगाम लगाने की कोई भी योजना सरकार ने पेश नहीं किया। हालांकि टैक्स स्लैब थोड़ा बदलाव कर,करदाताओं को राहत देने का प्रावधान जरुर किया गया है,जो उंट के मुंह में जीरे के समान है। किसान पिछले लंबे समय से अपनी फसल का एमएसपी निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं,लेकिन उस पर भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। सबसे बड़ी बात 52 करोड़ असंगठित मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर सरकार का रवैया इस बजट में भी नकारात्मक ही रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी कोई खास प्रावधान नहीं किए गए हैं,इस लिहाज से उन्होंने इस बजट को नीराशा देने वाला बजट करार दिया है।
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