छत्तीसगढ़ में मलेरिया से हो रही मौतों को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट गंभीर है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं में अव्यवस्था को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। इस मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी से जवाब मांगा है। कोटा ब्लॉक में मरीज को कांवड़ से ढोने की खबर पर भी कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
दरअसल, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा संभाग में मलेरिया और डायरिया से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को बिलासपुर में मलेरिया से दो सगे भाइयों की जान चली गई। 5 दिन पहले तेज बुखार आने के बाद दोनों को टेंगनमाड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था। बुधवार की सुबह पहले बड़े भाई इरफान की मौत हुई।
इसके बाद शाम को कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में छोटे भाई इमरान की मौत हो गई। दोनों मलेरिया पॉजिटिव थे। मामला कोटा ब्लॉक के करवा का है। दोनों सगे भाई इमरान (14 वर्ष) और इरफान (15 वर्ष) को शुक्रवार को तेज बुखार आ गया था। ऐसे में परिवार उन्हें टेंगनमाड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया।