छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलियों के खिलाफ नया एक्शन प्लान बना रही है। इसमें उनकी सप्लाई और फंडिंग पर प्रहार शुरू हो रहा है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने देश के गृहमंत्री अमित शाह को दी। बुधवार देर रात दिल्ली में अमित शाह के आवास पर एक खास मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक संकेत मिले हैं कि जल्द ही अमित शाह छत्तीसगढ़ आ सकते हैं।
करीब 30 मिनट तक चली इस मीटिंग में CM साय ने छत्तीसगढ़ के विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर बात की। अमित शाह भी उनसे जानकारी लेते रहे। प्रदेश के सियासी हालातों पर भी दोनों के बीच बात हुई।
विजन डॉक्यूमेंट पर भी बात
छत्तीसगढ़ के आगामी विकास का एक प्लान, एक दस्तावेज सरकार विजन डॉक्यूमेंट के नाम पर तैयार कर रही है। इसके बारे में भी CM साय ने अमित शाह को जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि हम एक्सपर्ट्स के साथ-साथ आम आदमी की राय भी ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में राज्य सरकार ने 8 अलग-अलग क्षेत्रों को चिन्हित किया है। इन क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए एक वर्किंग कमेटी का गठन किया गया है, जो नियमित रूप से आम लोगों और विशेषज्ञों से चर्चा कर एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर रही है।
मिशन नक्सलवाद का खात्मा
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृहमंत्री को राज्य में माओवादियों के सप्लाई और फंडिंग नेटवर्क के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में भी बताया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने माओवादियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने और उनके फंडिंग नेटवर्क को खत्म करने के लिए एक्शन ले रहे हैं।
नक्सल ऑपरेशन और माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में नियद नेल्लानार योजना के तहत किए जा रहे कामों की जानकारी भी अमित शाह को दी। पता चला है कि जल्द ही अमित शाह नक्सल मामलों पर एक रिव्यू मीटिंग करने छत्तीसगढ़ आ सकते हैं।
सेंट्रल का मिलेगा पूरा सपोर्ट
मुख्यमंत्री साय ने गृहमंत्री को बताया कि माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में हम शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। इस मीटिंग में अमित शाह ने कहा- राज्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार पूरा सपोर्ट करेगी।
तीन साल में नक्सलवाद खत्म करने का मिशन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में बताया था कि प्रदेश के पिछले साल हुई बैठक में अमित शाह ने 3 साल में नक्सलवाद खत्म करने के निर्देश दिए थे। उनके इस संकल्प को हम पूरा करेंगे। इसके लिए तेजी से काम हो रहे हैं।
सरकार का दावा है कि माओवाद प्रभावित इलाकों में छत्तीसगढ़ सरकार के सख्त निर्णय से बीते 6 महीने में हुए एंकाउंटर में 136 माओवादी ढेर, 526 गिरफ्तार और 442 ने आत्मसमर्पण किया है। सरकार आने वाले दिनों में 30 सुरक्षा कैम्प उन इलाकों में शुरू करने जा रही है, जहां अब तक सरकार का नहीं बल्कि नक्सलियों का दखल रहा है।
नियद नेल्लानार के जरिए बदलाव का प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह योजना पुलिस कैंप से लगे 5 किलोमीटर क्षेत्र तक के गांव में लागू कर रहे हैं। नियद नेल्ला नार योजना का मतलब आपका अच्छा गांव हैं। इस योजना के तहत बस्तर के आदिवासियों को कई मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से कई सुविधाएं अब तक आदिवासी क्षेत्रों में नहीं पहुंची है।
वह बुनियादी सुविधाएं बस्तर के गांव-गांव तक पहुंचाई जाएगी। इस योजना के जरिए सरकार आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी भवन बनाएगी। फ्री बिजली के कनेक्शन दिए जाएंगे। बैंक और एटीएम खोले जाएंगे। सड़क बनाने का अभियान चलेगा। मोबाइल टावर लगाए जाएंगे।
सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर में विकास कैंप (पुलिस कैम्प) के आसपास के गांव में यह योजना लागू है। पिछले कुछ दिनों से लगातार अलग-अलग इलाकों में नए पुलिस कैंप खोलने अभियान चलाए जा रहे थे। इन्हीं कैंपों के आसपास आपका अच्छा गांव योजना चलाई जा रही है।
हाल ही में हुए बड़े एंकाउंटर
जब अमित शाह से CM साय दिल्ली में मिले, उससे कुछ ही देर पहले छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मार गिराया। मुठभेड़ कांकेर के पंखाजुर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जंगल में हुई है।
बता दें कि इसी साल कांकेर और नारायणपुर मुठभेड़ के अलावा 6 अप्रैल को CG-तेलंगाना राज्य की सीमा पर मुठभेड़ हुई थी। इसमें 42 नक्सली मारे गए थे। वहीं, 2 अप्रैल को बीजापुर के करचोली में हुई मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए।
5 अप्रैल को दंतेवाड़ा में हुए एनकाउंटर में 1 नक्सली ढेर हुआ था। 15 अप्रैल को कांकेर जिले के माड़ इलाके में सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया था। इनमें नक्सली लीडर शंकर राव भी शामिल था। 29 अप्रैल की सुबह DRG और STF के जवानों के साथ हुई मुठभेड़ में 63 लाख के 10 नक्सली मारे गए थे