शीना बोरा हत्याकांड को लेकर 10 जुलाई को मुंबई की ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान CBI ने कोर्ट में बताया कि अप्रैल में गायब हुईं हडि्डयां CBI के दिल्ली वाले ऑफिस के मालखाने में मिल गई हैं।
यह खुलासा उस दिन हुआ, जब कोर्ट को मिले एक ईमेल में आरोप लगाया गया कि शीना की हड्डियां गायब नहीं हुईं, बल्कि वे एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट के पास हैं, जिसने उनकी जांच की थी और जो गवाह के तौर पर अदालत के सामने गवाही दे रहा था।
ईमेल में आरोप लगाया गया है कि इस गवाह ने अचानक बहुत संपत्ति अर्जित कर ली है। ईमेल भेजने वाले ने खुद को फोरेंसिक विशेषज्ञ का भाई बताया।
इन हडि्डयों के न मिलने से पिछले महीने फॉरेंसिक विशेषज्ञ की गवाही को रोक दिया गया था। हालांकि, CBI ने स्पष्ट किया कि इन अवशेषों को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका एफआईआर में जिक्र नहीं है।
प्रॉसिक्यूशन (अभियोजन पक्ष) ने कहा कि उसने सबसे पहले 24 अप्रैल को अदालत को शीना के अवशेषों के लापता होने के बारे में सूचित किया था और 10 जून को कहा कि वे नहीं मिल सके। अभियोजन के वकील सीजे नंदोडे ने कहा, ‘लेकिन इस बीच ऑफिस के मालखाने में दोबारा तलाश करने पर सामान यानी हड्डियां पड़ी मिलीं।’
2012 में ये हड्डियां रायगढ़ के पेन गांव के जंगल से जब्त की गईं थीं। पहले CBI ने इन्हें शीना बोरा के अवशेष बताया था। हड्डियों को जांच के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल भेजा गया था। इस मामले में अब तक 91 गवाहों ने गवाही दी है। अगली सुनवाई शुक्रवार 12 जुलाई को होगी।