नई दिल्ली । आबकारी नीति कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन के मामले के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विशेष अदालत की ओर से दी गई जमानत के आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने वाली अपनी याचिका बुधवार को वापस ले ली।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने उन्हें यह याचिका वापस लेने की अनुमति दी। पीठ ने श्री केजरीवाल को विशेष अदालत की ओर से दी गई 20 जून के जमानत आदेश पर उच्च न्यायालय के 21 जून के अंतरिम रोक को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी।
पीठ ने हालांकि उन्हें जमानत आदेश के क्रियान्वयन को निलंबित करने वाले उच्च न्यायालय के 25 जून के आदेश को चुनौती देने वाली नयी याचिका दायर करने की छूट दे दी। शीर्ष अदालत के समक्ष श्री केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने 25 जून के आदेश को चुनौती देने के लिए नई याचिका दायर करने के लिए तत्काल मामले को वापस लेने की गुहार लगाई।
उन्होंने पीठ के समक्ष कहा कि उच्च न्यायालय फैसला आ चुका है, जिसमें सभी तरह के मुद्दे हैं। उन्होंने यह भी अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता केजरीवाल को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने फिर से गिरफ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने (केजरीवाला को याचिका वापस लेने और नयी याचिका दायर करने की अदालत की अनुमति पर) कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
श्री केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। सीबीआई ने उन्हें मंगलवार को रूप से गिरफ्तार किया था।