ACN18.COM कोरबा / रोजगार गारंटी सहित अन्य योजनाओं में नियम यही है कि काम करने के बदले श्रमिक को पूरा पारिश्रमिक प्राप्त होगा। लेकिन जेलों में श्रम करने पर कैदियों को केवल 50% राशि ही मिल पाती है। काफी समय से इस प्रकार का नियम बना हुआ है। इस नियम के आगे कैदी कुछ नही कर पाते।
कोरबा के जिला जेल में कैदियों को विभिन्न व्यवसाय में प्रशिक्षण दिया गया है और उनसे काम लिया जा रहा है। इससे अलग-अलग मामलों में काफी समय से जेल में निरुद्ध कैदियों का समय ना केवल कटता है बल्कि उन्हें न्यूनतम राशि भी मिल जाती है।
लेकिन ऐसा भी नही है कि जो जितना श्रम करेगा, वह पूरी राशि का हकदार होगा। इस बारे में सरकार के नियम पहले से बने हुए है। कुल आमदनी का आधा हिस्सा ही श्रम करने वाला प्राप्त कर पता है जबकि बाकी राशि संबंधित मामले में पीड़ित पक्ष को दी जाती है। अभी 2 लाख 16 हजार की राशि का वित्रण चेक के माध्यम से किया गया है।
आपराधिक मामलों में विचाराधीन और सजा प्राप्त कर चुके कैदियों को जेल में रखने के साथ उन्हें सुधारने की कोशिश की जा रही है, इस प्रकार के दावे हर तरफ से हो रहे हैं। लंबे समय के बाद जेल से छुटने पर संबंधित व्यक्ति के जीवन में कितना सुधार आया, उसके अलावा और कोई नहीं जानता।