acn18.com कोरबा / रक्तदान महादान है, इस बात से लोग भली भांति परिचित हैं। वे खुद ब खुद रक्तदान करने लैब में पहुंच रहे हैं। इसके बावजूद मेडिकल कालेज अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी बनी हुई है। प्रबंधन को महज 30 यूनिट ब्लड से काम चलाना पड़ रहा है। ब्लड बैंक में शार्टेज की मूल वजह जरूरतमंदों को दिए जाने वाले निःशुल्क रक्त को माना जा रहा है। यदि आंकड़ों की बात करें तो प्रतिदिन 25 यूनिट रक्त जरूरतमंदों को दिया जा रहा है। इस लिहाज से वर्ष में करीब 5423 यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती है।
कोरबा के मेडिकल कॉलेज स्थित ब्लड बैंक में खून की काफी कमी बनी हुई है। रक्तदान शिविर लगाने के बाद भी रक्त का शॉर्टेज बना हुआ है। हालात किस कदर गंभीर हो चले हैं इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है,कि केवल 30 यूनिट ब्लड के सहारे काम चलाया जा रहा है। जबकि यहां रोज किसी न किसी मरीज को खून की जरुरत पड़ रही है,ऐसे में रक्त की कमी को कैसे दूर किया जाए यह एक बड़ा सवाल है।
जिले में आए दिन रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों में भारी संख्या में रक्तदाता पहुंचने के दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक में पता चलता है। लोग सीधे अस्पताल में पहुंचकर भी रक्तदान कर सकते हैं। यदि स्वस्थ व्यक्ति एक वर्ष के भीतर चार मर्तबे रक्त का दान करता है तो उसकी सेहत पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा।