Acn18.comकलकत्ता/ कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को शाहजहां शेख का केस CBI को ट्रांसफर कर दिया। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के आदेश पर शाहजहां को भी केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया।इधर, बंगाल सरकार के वकील ने हाईकोर्ट से अपील की कि वे इस आदेश पर 3 दिन रोक लगा दे, लेकिन हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया।शेख को ED की टीम पर हमले के केस में 29 फरवरी को नॉर्थ 24 परगना के मीनाखान इलाके से गिरफ्तार किया गया था। वह 55 दिन से फरार था। फिलहाल वो अभी 10 दिन की पुलिस रिमांड पर है।कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि इस केस से जुड़े सभी कागजात तुरंत सीबीआई को सौंप दिए जाएं।
बेल के लिए वकील हाईकोर्ट पहुंचे थे, कोर्ट ने कहा- गिरफ्तार ही रहने दो29 फरवरी को गिरफ्तारी के तुरंत बाद शेख शाहजहां के वकील जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने कहा था- उसे गिरफ्तार ही रहने दो। अगले 10 साल तक ये आदमी आपको बहुत व्यस्त रखेगा। आपको इस केस के अलावा कोई और चीज देखने का मौका नहीं मिलेगा।उसके खिलाफ 42 केस दर्ज हैं। वो फरार भी था। जो कुछ भी आपको चाहिए, आप 4 मार्च को आइए। हमारे पास उसके लिए कोई सहानुभूति नहीं है। हालांकि 4 मार्च की जगह 5 मार्च को सुनवाई हुई।
भाजपा नेता सुकांत मजूमदार बोले- भाजपा ने दबाव डाला, तब सरकार ने गिरफ्तारी कीशेख शाहजहां की गिरफ्तारी को लेकर बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि भाजपा की तरफ से लगातार इस मुद्दे पर प्रदर्शन किए गए, जिसकी वजह से बंगाल सरकार उसे गिरफ्तार करने को मजबूर हुई। सरकार तो अब तक शेख शाहजहां को आरोपी मानने से ही इनकार कर रही थी।
शाहजहां और उसके दो साथियों पर महिलाओं से गैंगरेप का आरोपसंदेशखाली में शाहजहां शेख और उसके दो साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप है कि वे महिलाओं का लंबे समय से गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा और उत्तम सरदार समेत 18 लोगों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।शाहजहां शेख TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता है। राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर पर रेड की थी। तब उसके 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया था। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा। तभी से शाहजहां फरार था।
महिला अयोग ने राष्ट्रपति शासन की मांग की राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। आयोग की टीम मंगलवार को राष्ट्रपति से मिलने पहुंची थी। टीम ने संदेशखाली में पीड़ित महिलाओं के बयानों की रिपोर्ट उन्हें सौंपी। इसमें पुलिस अधिकारियों, TMC नेता शाहजहां शेख और उसके गिरोह पर महिलाओं के शोषण और जमीनों पर कब्जे के आरोप हैं।हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा था- शाहजहां को गिरफ्तार करोशाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम ने सोमवार को आदेश दिया था कि पुलिस हर हाल में 4 मार्च को अगली सुनवाई में शाहजहां को कोर्ट में पेश करे। उसकी गिरफ्तारी पर कोई स्टे नहीं है।कोर्ट ने हैरानी जताई कि संदेशखाली में अत्याचार की घटनाओं की सूचना 4 साल पहले पुलिस को दी गई थी। यौन उत्पीड़न समेत 42 मामले हैं, लेकिन उनमें चार्जशीट दायर करने में चार साल लगा दिए गए।
शाहजहां कैसे मजदूर से माफिया बनाआरोपी शाहजहां संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में मजदूर था। सब्जी भी बेची। फिर ईंट-भट्ठे पर काम करने लगा। यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई। फिर सीपीएम से जुड़ा।सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में वो तृणमूल के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी से जुड़ गया। जिस राशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय शाहजहां को खोज रहा था, उसी केस में मलिक पहले से जेल में हैं। गांव वालों ने बताया कि शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्टे, सैकड़ों एकड़ जमीन हैं। वो 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है।
ED अफसरों पर शेख समर्थकों ने ही हमला किया था
पश्चिम बंगाल में कोरोना के दौरान कथित तौर पर हुए हजारों करोड़ रुपए के राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को राज्य में 15 ठिकानों पर छापा मारा था। टीम नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शाहजहां शेख और शंकर अध्य के घर भी रेड डालने गई थी। इस दौरान उन पर TMC समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था। इसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे। इसके बाद से शाहजहां फरार है।