acn18.com कोरबा/ कोरबा के सुभाष ब्लाॅक क्षेत्र में रहने वाली कराटे खिलाड़ी स्नेहा बंजारे ने वो कारनामा कर दिखाया है,जो छत्तीसगढ़ में आज तक किसी ने नहीं किया है। स्नेहा बंजारे ने यूएई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने में सफलता पाई है। सेमीफायनल मुकाबले में स्नेहा ने इजिप्ट की खिलाड़ी को हराया था,जबकि खिताबी मुकाबले में उसे दुबई की खिलाड़ी से मारना पड़ा। कोरबा का नाम पूरी दुनिया में रौशन करने के बाद स्नेहा जब कोरबा पहुंची तब उसका जोरदार स्वागत किया गया। रेलवे स्टेशन से लेकर पूरे शहर में रैली निकाली गई।
कल तक गुमनामी के साए में जी रही कराटे खिलाड़ी स्नेहा बंजारे ने एक झटके में ऐसा काम कर दिखाया,कि पूरा छत्तीसगढ़ उसका मुरीद बन बैठा। स्नेहा ने सात समंदर पार संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कराटे प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। स्नेहा पूरे प्रदेश में ऐसी पहली महिला कराटे खिलाड़ी बन गई,जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कराटे प्रतियोगिता में पदक हासिल किया हो,इससे पहले कोई भी इस मुकाम तक नहीं पहुंच सका। स्नेहा ने इजिप्ट की खिलाड़ी को हराकर रजत पदक जीता। खिजाड़ी भिड़ंत में उसका मुकाबला दुबई की खिलाड़ी से हुई लेकिन बदकिस्मती से उसे हार का मुंह देखना पड़ा,बावजूद इसके उसकी इस उपलब्धी से पूरा कोरबा खुद को गौरवाव्ति महसूस कर रहा है।
पूरी दुनिया में कोरबा का नाम रौशन करने बाद स्नेहा जब कोरबा लौटी तो उसका भप्य स्वागत किसा गया। रेलवे स्टेशन कोरबा से उसके घर तक विजयी रैली निकाली गई। हाथों में तिरंगा लेकर स्नेहा विजयी रथ पर सवार थी। ढोल नगाड़ों के साथ उसके घर वापसी के जश्न मनाया गया। स्नेहा जैसे ही अपने घर पहुंची तो पूरा परिवार मानो उसके आने का इंतजार कर रहा था। परिवार वालों के साथ ही उसके अन्य परिजन ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते हुए नजर आए। स्नेहा के इस मुकाम तक पहुंचने के पीछे का सबसे बड़ा श्रेय उसके बड़े भाई अविनाश बंजारे को जाता है,जिसने बचपन से उसके खान-पान और ट्रेनिंग का पूरा ध्यान रखा तब जाकर वह इस मुकाम तक पहुंच सकी। स्नेहा की मां ने भी अनुशासन का पूरा ध्यान रखा जिसके बूते स्नेहा आज कराटे की दुनिया का चमचमता सितारी बन चुकी है।स्नेह की इस जीत में कुछ क्षेत्रीय दलों ने भी अपनी भूमिका निभाई है,जिसे जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी और छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के पदाधिाकरी शामिल है। स्नेहा की इस उपलब्धी पर उन्होंने भी खुशी जताई है।स्नेहा ने जो कारनाम कर दिखाया है उससे उसके ओलंपिक में खेलने के चांस काफी बढ़ गई है। स्नेहा और उसके परिवार को पूरी उम्मीद है,कि आम नहीं तो कल उसका चयन ओलपिंक के लिए होगा,जिसमें वह अपने देश के लिए कोई न कोई पदक जरुर जीतकर आएगी।