Acn18.com/छत्तीसगढ़ में नेशनल एंबुलेंस सर्विस की सेवाएं अब कैंप कंपनी के हवाले कर दी गई है। यह जिम्मेदारी पहले जीवीके को दी गई थी। नई कंपनी एंबुलेंस के कर्मियों को हटाने पर आमादा है। इसके विरोध में कोरबा जिला में 102 और 108 एंबुलेंस का संचालन ठप्प हो गया है। एंबुलेंस नहीं चलने से मरीजो को काफी परेशानी हुई।
वेतन विसंगति, नियमितितीकरण नहीं करने और पुराने कर्मचारियों को हटाए जाने की कोशिश के कारण सरकारी एंबुलेंस का स्टाफ हड़ताल पर चला गया है। किसी भी क्षेत्र में एम्बुलेंस सेवाएं नहीं मिलने से मरीज को ना तो अस्पताल से घर लाया जा सका और ना ही घर से अस्पताल भेजने का काम पूरा हो सका। लोगों को इन कारणों से काफी परेशान होना पड़ा।
एंबुलेंस के स्टाफ ने बताया कि वर्ष 2013 से उनके द्वारा लगातार सेवा दी जा रही है। इसके बाद भी अब तक वेतन की स्थिति ऊंट के मुंह में जीरा जैसी बनी हुई है।
यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर एंबुलेंस कर्मियों को नियमित करने का ऐलान किया था लेकिन इसे अमल में नहीं लाया गया। उल्टे अब नई कंपनी बीएससी आधार पर भर्ती करने की बात कर रही है। वही कर्मचारियों से रुपयों की मांग भी की जा रही है।
संजीवनी और महतारी एक्सप्रेस की सेवाएं बाधित होने के कारण कुल मिलाकर कोरबा सहित सभी तरफ हाहाकार मचा हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनके मसले पर सार्थक बातचीत नहीं होती है, एंबुलेंस बिल्कुल नहीं चलेगी।