Acn18.com/दुर्ग के बड़े कारोबारी और विजय इंटरप्राइस के संचालक विजय जैन को जिला न्यायालय ने 3 अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई है। कोर्ट ने उसे दोषी करार देते 3 साल का सश्रम कारावास और 16 लाख 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। विजय जैन पर वायदा बाजार की आड़ में लगभग 24 लोगों से 1 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है।
अधिवक्ता अविनाश ने बताया कि आरोपी विजय कुमार जैन विजय इंटरप्राइस नाम से अपनी एक फर्म चलाता था। उसने साल 2005 से 2009 के बीच फर्म के माध्यम से वायदा बाजार का संचालन किया। इसमें उसने दुर्ग भिलाई के 24 से अधिक लोगों को झांसा देकर करोड़ों रूपए की धोखाधड़ी की। वायदा बाजार के साथ साथ उसने कई स्कीमे चलाई और लोगों को अधिक रिटर्न का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी की। वह लोगों को विश्वास दिलाने के लिए उनसे रकम लेने से पहले रिटर्न की राशि का एक चेक भी देता था।
चेक बाउंस के मामले में 14 साल बाद मिली सजा
इसी तरह उसने शिक्षक नगर निवासी अधिवक्ता अविनाश चंन्द्र तिवारी से 2.55 लाख रुपए, सेवानिवृत शिक्षिका करूणा तिवारी से 6.20 लाख, और कसारीडीह निवासी अधिवक्ता गिरीश कुमार अग्रवाल से 1.50 लाख रुपए अपनी गारंटीड स्कीम का झांसा देकर ले लिया था। उस रकम का भुगतान करने के लिए उसने अपने नाम के अलग अलग चेक जारी किए थे। साल 2009 में तीनों लोगों ने उन चेक को बैंक में लगाया तो वो बाउंस हो गये। इसके बाद उन लोगों ने विजय जैन के खिलाफ दुर्ग कोर्ट में चैक बाउंस का केस दायर किया। 14 साल की सुनवाई के बाद 7 सितंबर को जिला कोर्ट ने आरोपी विजय कुमार जैन को चैक बाउंस मामलों में दोषी करार दिया। न्यायालय ने तीनों प्रकरणों में विजय कुमार जैन दोषी पाते हुए कुल 16 लाख 50 हजार का जुर्माना देने और 3 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।