Acn18.com/चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो गगनयान प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहा है। अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में इस मिशन के तहत एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसका मकसद यह तय करना है कि मानव मिशन के समय यह स्पेसक्राफ्ट उसी रूट से लौटे जिससे गया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने 26 अगस्त को एक निजी चैनल के कॉन्क्लेव में यह बात कही।
व्योममित्र इंसानों जैसी सारी एक्टिविटीज कर सकेगी
जितेंद्र सिंह ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट की टेस्टिंग सफल होने के बाद महिला रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। व्योममित्र इंसानों जैसी सारी एक्टिविटीज कर सकेगी। उन्होंने कहा- अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम इससे आगे बढ़ेंगे और मानव मिशन भेजेंगे। उन्होंने कहा- अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना उन्हें भेजना।
ये है भारत का मिशन गगनयान
- ISRO अपने पहले ह्यूमन स्पेस-फ्लाइट मिशन गगनयान के तहत साल के आखिर में दो शुरुआती अंतरिक्ष मिशन भेजेगा। इसमें एक मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा। दूसरे मिशन में व्योममित्र नाम की एक महिला रोबोट भेजी जाएगी।
- शुरुआती मिशन का मकसद यह तय करना है कि गगनयान रॉकेट जिस मार्ग से जाए उसी मार्ग से सुरक्षित भी लौटे यानी इसके कामयाब होने के बाद ही 2024 में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
- तीसरे मिशन की स्पेस फ्लाइट में दो इंसानों को भेजा जा सकेगा। ये लोग 7 दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे। मिशन के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स को रूस भेजकर स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग भी दी गई है।
- स्पेस में जाने वाले इन एस्ट्रोनॉट्स को गगनॉट्स कहा जाएगा। भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स में एक ग्रुप कैप्टन हैं। बाकी तीन विंग कमांडर हैं, जिन्हें गगनयान मिशन के लिए तैयार किया जा रहा है। अभी इन्हें बेंगलुरु में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी।