Acn18.com/किसी भी काम की दिशा तय नहीं होने पर उसके परिणामों की उम्मीद नहीं की जा सकती। कोरबा में राताखार बाईपास पर नगर निगम के द्वारा बनाई गई मल्टीलेवल पार्किंग के साथ ऐसा ही हुआ। अब हालात ऐसे हैं कि निगम के इस सफेद हाथी का दुरुपयोग असामाजिक तत्व अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर रहे हैं। ऐसे में निगम के लिए योजना बनाने वालों की फजीहत हो रही है।
5 वर्ष का समय पूरा होने के बाद नगर निगम कोरबा की हवा हवाई multi-label पार्किंग योजना का परिणाम अब तक सामने नहीं आ सका। इसके निर्माण पर लगभग 17 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। राता खार बाईपास पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने का विचार कैसे आया और इसकी उपयोगिता क्या थी शायद इस बारे में निगम के अधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं रही होगी । इसलिए भारी-भरकम रकम खर्च करने के बाद भी ना तो पार्किंग बन सके और ना ही इसका उपयोग किसी और रूप में हो सका। अब अराजक तत्व यहां अपने कारनामे कर रहे हैं। कोरबा जिले में अलग-अलग कार्यों में सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट की कार्रवाई के मामले में निगम का यह काम भी शामिल है। पूर्व पार्षद शिव अग्रवाल ने बताया कि पूरा प्रकरण ही निगम के अधिकारियों की अदूरदर्शिता से जुड़ा हुआ है।
पूर्व पार्षद शिव अग्रवाल और भाजपा नेता बद्री अग्रवाल ने भी मल्टी लेवल पार्किंग से जुड़े काम को लेकर नगर निगम की खिंचाई की। उन्होंने बताया कि जनता के पैसों की बर्बादी कैसे की जाती है, यह कोरबा में बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। निगम के ऐसे कार्यों के कारण मौके पर असामान्य गतिविधियां हो रही हैं।
जानकारी के अनुसार मल्टीलेवल पार्किंग का सपना चकनाचूर होने पर इसी जगह का उपयोग चाइल्ड हॉस्पिटल के रूप में करने की योजना भी बनाई गई थी लेकिन उस पर भी कोई काम नहीं हो सका। इन सब कारणों से अब करोड़ों की यह तथाकथित इमारत कोरबा के मामले में बेमतलब की विरासत बनकर रह गई है। जब इस प्रकार के काम नगर में होते रहेंगे तो इन्हें जांच के दायरे में शामिल तो किया जाएगा ही।