spot_img

टीचर्स पोस्टिंग में घोटाला, जॉइंट डायरेक्टर और क्लर्क सस्पेंड:प्रमोशन के बाद पदस्थापना में चल रहा था संशोधन का खेल, लेनदेन का आरोप

Must Read

Acn18.com/बिलासपुर में स्कूल शिक्षा विभाग में प्रमोशन और पोस्टिंग के संशोधन करने के नाम पर शिक्षकों से जमकर वसूली करने की शिकायत पर प्रभारी जॉइंट डायरेक्टर (JD) एसके प्रसाद और क्लर्क विकास तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। बुधवार देर शाम शिक्षा विभाग के अपर सचिव का आदेश आने के बाद यहां अफसर और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। कहा जा रहा है कि इस खेल में JD दफ्तर के अन्य कर्मचारी और टीचर भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ भी जांच चल रही है।

- Advertisement -

राज्य शासन ने हाल ही में सहायक शिक्षक एलबी से प्राइमरी स्कूल हेडमास्टर और शिक्षक से मिडिल स्कूल हेडमास्टर के पद पर प्रमोशन दिया है। प्रमोशन आदेश जारी करने और पोस्टिंग की जिम्मेदारी प्रभारी JD एसके प्रसाद को दी गई थी। इसके तहत बिलासपुर के साथ ही संभाग के दूसरे जिलों के वरिष्ठ शिक्षकों को प्रमोशन दिया गया। नियम के अनुसार प्रमोशन के बाद ओपन काउंसिलिंग कर शिक्षकों की पदस्थापना होनी थी। विभाग ने दिखाने के लिए पहले ऐसा ही किया। फिर संशोधित पोस्टिंग आदेश जारी किया गया, जिसकी आड़ में शिक्षकों से बड़े पैमाने पर वसूली की गई और उन्हें मनचाहे जगहों पर पोस्टिंग दे दी।

778 शिक्षकों की पदस्थापना
प्रभारी संयुक्त संचालक एसके प्रसाद के निर्देश पर जिले में 778 शिक्षकों की पदस्थापना और स्थान में संशोधन किया गया है। जब गड़बड़ियों की शिकायत हुई, तब कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए। प्रारंभिक जांच में ही अनियमितता बरतने और नियमों को दरकिनार कर संशोधित पोस्टिंग ऑर्डर जारी करने का मामला सामने आया है। इसमें प्रभारी JD एसके प्रसाद और कार्यालय के लिपिक विकास तिवारी की मिलीभगत सामने आई है।

सस्पेंशन के बाद बुलाए गए मुख्यालय
निलंबन अवधि के दौरान एसके प्रसाद का मुख्यालय लोक शिक्षण संचालनालय और विकास तिवारी को मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा, रायपुर तय किया गया। निलंबन अवधि में निलंबित लोक सेवकों को जीवन निर्वाह के लिए भत्ता दिया जाएगा।

एजेंटों शिक्षकों की तलाश जारी, जल्द होगी कार्रवाई
शिकायत मिली है कि पदस्थापना के दौरान शिक्षक एजेंट के रूप काम कर रहे थे। एजेंट ही शिक्षकों से बातचीत करते थे। वे खाली पदों के बारे में जानकारी देते थे। फिर उन्हें उस जगह पर पोस्टिंग के लिए कीमत तय की जाती थी। जिन्हें नजदीकी जगहों पर पोस्टिंग चाहिए उन्हें उतने अधिक रुपये देने होते थे। जहां शिक्षक रिटायर होने वाले थे, वहां भी पहले से पोस्टिंग की गई। ऐसे कई स्कूल हैं जहां पर शिक्षक, प्रधान पाठक रिटायर होने की स्थिति में थे, लेकिन रिटायर नहीं हुए थे। उससे पहले ही उन जगहों पर प्रधान पाठक और शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गई।

377FansLike
57FollowersFollow
377FansLike
57FollowersFollow
Latest News

प्रशासनिक अफसरों के कामकाज से हाईकोर्ट नाराज, कलेक्टर को मिला नोटिस

acn18.com/ बिलासपुर। सरफेसी एक्ट के तहत बंधक जमीन का कब्जा दिलाने में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट...

More Articles Like This

- Advertisement -