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वन विभाग की टीम के अलावा कुछ लोग कर रहे सर्प रेस्क्यू का अनाधिकृत काम, जिले में बढ़ रहा तस्करी का खतरा।देखिए वीडियो।

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Acn18.comकोरबा/16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस मनाया जाता है.सांप एक ऐसी जीव है जिसे देखते ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं. आज भी लोगों में मन में इनको लेकर कई तरह के भ्रम और भ्रांतियां मौजूद हैं.ऐसे में लोगों में सांपों के प्रति जागरूक करने और इनके प्रति फैली भ्रांतियां दूर करने मकसद से हर साल हर साल 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस यानी वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाता है.

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आपको बता दें कि कोरबा जिले में विश्व का सबसे बड़ा किंग कोबरा के पाए जाने के बाद से सांपों के प्रजाति को संरक्षित करने पहल किए जा रहे हैं. विषैले सांपों से इंसानों को और इंसानों से सांपों के जान का खतरा सदैव बना रहता है.कोरबा शहर में वैसे तो साल के हर महीने सांप निकलने के मामले सामने आते रहते हैं. वनांचल क्षेत्र होने के कारण यहां जहरीले सांपों की बहुत सी प्रजाति पाई जाती है जिसमें बेहद जहरीले और विलुप्त प्रजाति के शामिल है. बरसात के दिनों सांप निकलने के मामले बढ़ जाते हैं और सर्पदंश से मौत के मामले सामने आने लगते हैं. तो वही रिहायशी क्षेत्रों में पहुंचने के बाद सांपों को भी मार दिया जाता है. फिलहाल लोगों में थोड़ी जागरूकता आई है और सांप देखे जाने के बाद इसकी सूचना सर्प मित्र को देते हैं.

हाल फिलहाल में कई घटनाएं ऐसे सामने आई है जिसमें सांपों के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें आघात पहुंचाया गया हो. इसके लिए भी ठोस पहल करने की जरूरत है भविष्य में सांपों के साथ खिलवाड़ ना किया जाए. सांप का प्रदर्शन कर जीवन यापन करने वाले सपेरे या फिर रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ने वाले सर्पमित्र को भी इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि रेस्क्यू के दौरान सांप को कोई हानि पहुंचे. वर्तमान में सर्प मित्रों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसमें कुछ रोमांच के तौर पर नवयुवक शामिल होते हैं और सांपों को पकड़ कर प्रदर्शन करते हैं. ऐसे नव सीखिए सर्प मित्र बिना तजुर्बे के और बिना ही किसी औजार के सांपों का रहस्य करते हैं जिससे सांप और रेस्क्यू करने वाले सर मित्र दोनों की जान को खतरा बना रहता है. रोमांच के लिए सर्पमित्र बने ऐसे युवक सांपों को पकड़ इंस्टाग्राम और अन्य सोशल प्लेटफार्म में वीडियो रील बनाकर लाइक और फॉलोअर्स बटोर के हैं.

सर्पदंश के ज्यादातर मामले ग्रामीण अंचल में घटित होते है जहां शिक्षा के अभाव से ग्रामीण अस्पताल में उपचार की बजाए झाड़-फूंक करवाते हैं और सर्पदंश के शिकार व्यक्ति को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. अभी भी ग्रामीण अंचलों में एंटी स्नेक वेनम के बारे में लोगों तक जानकारी नहीं पहुंची है लोग आज भी अनजान है कि सांपों के काटने के बाद उनके ही शहर से बनी हुई जहर को काटने वाली दवा अस्पतालों में उपलब्ध है. लोगों को जागरूक करने बेहतर कार्यक्रम की जरूरत है जिससे सांप काटने के बाद लोग झाड़-फूंक के बजाय तत्काल पीड़ित को अस्पताल लेकर पहुंचे और उसकी जान जाने से बच जाए.

कोरबा मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर चंद्रकांत भास्कर ने बताया कि भारत में जहरीले सांपों की 13 प्रजातियां हैं.इनमें से चार बेहद जहरीले सांप कोबरा, रस्सेल वाइपर, स्केल्ड वाइपर और करैत हैं. सबसे ज्यादा मौतें नाग या गेहूंवन और करैत के काटने से होती है. सांपों में तीन प्रकार के जहर होते हैं इनमें हीमोटॉक्सि‍क, न्यूरोटॉक्सि‍क और मायोटॉक्सि‍क शामिल है. हिमोटॉक्सिक यह रक्त कोशि‍काओं पर अटैक करता है.शरीर में कई जगहों से ब्लीडिंग के लक्षण, खून की उल्टी और न्यूरोटॉक्सिक जहर शरीर के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है.जिला के जंगल मे न्यूरोटॉक्सिक ऑल हीमोटोएक्सिक दोनों ही प्रकार के जहर वाले साँप पाए जाते हैं.

चार बेहद जहरीले सांप

कोबरा (भारतीय नाग)
इसके डंसने के कुछ ही समय बाद शरीर का न्यूरो सिस्टम काम करना बंद कर देता है और लकवा मार जाता है.इसमें न्यूरोटॉक्सिन व कार्डियोटॉक्सिन यानी नर्वस सिस्टम और दिल पर असर करने वाला जहर होता है.इसके जहर से आंखों की रोशनी भी जा सकती है.

रसेल वाइपर (दबौया सांप)

यह अजगर की तरह दिखता है. एक बार डंसने पर 120 से 250 ग्राम तक जहर छोड़ता है.इस सांप में होमोटॉक्सिन जहर पाया जाता है.यानी दिल के साथ खून के थक्के जमने लगते हैं.डंसने के बाद इंसान के शरीर में खून के थक्के बनने से मल्टीपल ऑर्गेन फेल्योर से पेशेंट की मौत हो जाती है.

सॉ-स्केल्ड वाइपर

यह सांप राजस्थान के पहाड़ी और गांव वाले इलाकों में ज्यादा देखने को मिलता है.लंबाई में यह बाकी सांपों से काफी छोटा होता है.भूरे रंग और उस पर काले और सफेद धब्बों के कारण यह काफी डेंजरस दिखता है.यह सांप बाकी सांपों की अपेक्षा जल्दी अटैक करता है.

करैत

यह रात को सोते समय हमला करता है. इसके काटने के बाद दर्द नहीं होता और कई बार नींद में ही मौत हो जाती है.यह सांप पतला और लंबा होता है. काले रंग के साथ ही इस पर सफेद गोल लाइनें होती हैं.जिस जगह पर करैत काटता है, वो जगह मच्छर के काटने जैसी लगती है.

सांप काटने के बाद तुरंत करें ये काम

सबसे पहले जिसे सांप ने काटा है उसे लिटा दें ताकि चलने-फिरने से जहर न फैले.उसे हिम्मत दें जिससे वो घबराएं नहीं घबराने से भी ब्लड फ्लो तेजी से बढ़ेगा और जहर फैलेगा.शरीर में जहां पर सांप ने काटा है, उसके ऊपर और नीचे ब्लड फ्लो रोकने के लिए पट्टी बांध दें.सांप ने काटा है उस जगह पर साबुन और पानी की मदद से धो दें.इसने वाली जगह पर बीटाडीन लगाएं और जितना जल्दी हो सके, उसको हॉस्पिटल ले जाएं.

झाड़-फूंक के चक्कर में ना पड़े एंटीवेनम बचाएगा जान

मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया कि सांपों के कहर से बचाने के लिए सांपों के ही जहर से एंटीडोट एंटीवेनम बनाया गया. सांप काटने के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचकर इंजेक्शन लगवाना चाहिए. एंटीवेनम लगवाने के लिए आपको काटने वाले सांप के प्रजाति को पहचानने की जरूरत नहीं होती. अस्पताल पहुंचने के बाद लक्षण के आधार पर एंटीवेनम दिया जाता जिससे समय रहते सर्पदंश से शिकार व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. ग्रामीण अंचलों में झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ने के बाद अस्पताल लाने में देरी होने सर्पदंश के शिकार व्यक्ति की मौत होती है.

जिले में कहीं भी, सांप निकलने पर तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दें

जिले में वाइल्डलाइफ रेस्क्यू और आरसीआरएस रेस्क्यू टीम विगत कई वर्षों से सांपों के रेस्क्यू करने के लिए निशुल्क की सेवा दे रही है. घर में सांप निकलने पर आप एक सुरक्षित स्थान पर और सांप के साथ बिल्कुल भी छेड़छाड़ ना कर. तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दे..

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