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फरार आरोपियों को पकड़ लेगा ये सॉफ्टवेयर:इसके दायरे में आते ही भेजेगा पुलिस को मैसेज, छत्तीसगढ़ के छात्रों ने तैयार किया सॉफ्टवेयर

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Acn18.com/छत्तीसगढ़ के छात्रों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी मदद से पुलिस आरोपियों तक पहुंच जाएगी और उन्हें पकड़ लेगी। ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसके दायरे में आते ही पुलिस के पास एक मैसेज जाएगा, फिर उसी मैसेज की मदद से अपराधी पकड़ा जाएगा।

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असल में इस फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर को तैयार किया है भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले छात्रों ने। इनमें से 2 छात्र विपिन गौतम और वंशराज सिंह चौहान कांकेर के रहने वाले हैं। इन्होंने अपने साथी शुभम भगत, राजा सिंह, प्रथम साहू और पुलिस की मदद से इस सॉफ्टवेयर को तैयार किया है।

ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर

ये सभी बी-टेक सेकेंड सेमेस्टर के छात्र हैं। यह सॉफ्टवेयर पुलिस के लिए फरार आरोपियों को पकड़ने और अपराधियों पर नजर रखने काफी मददगार साबित होगा। सॉफ्टवेयर में अपराधियों की फोटो और डाटा अपलोड करने के बाद सिस्टम को कैमरे से जोड़ना हाेगा। कैमरे के दायरे में अपराधी के आते ही उसकी पहचान हो जाएगी। फरार आरोपी अगर अपना गेटअप बदल कर भी कैमरे के दायरे मे आएगा तो भी तत्काल उसकी पहचान कर मैसेज कंट्रोल रूम को भेज देगा।

पुलिस को दिखाया डेमो

छात्रों ने वर्तमान एसपी दिव्यांग पटेल से मिलकर इसकी जानकारी दी और सॉफ्टवेयर का सफल डेमो भी दिया। पुलिस आरक्षकों की फोटो और डाटा सॉफ्टवेयर में लोड कर वाईफाई से चलने वाले निजी कैमरों के सामने उन्हें भेजा गया। आरक्षकों के कैमरे के सामने आते ही मैसेज कंट्रोल रूम में आने लगा। छात्रों ने इस साॅफ्टवेयर की एक प्रति कांकेर पुलिस को भी दी है। जिसे इस्तेमाल कर आरोपियों की पहचान कर सके।

इस तस्वीर से समझिए कैसे काम करता है सॉफ्टवेयर


64 बिंदुओं की स्कैनिंग करता है सॉफ्टवेयर

छात्र विपिन गौतम ने बताया चेहरे में 64 ऐसे बिंदु होते हैं, जो किसी और के चेहरे से मेल नहीं खाते। इसी आधार पर सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। सॉफ्टवेयर में अपलोड आरोपी की फोटो और वीडियो में 64 बिंदुओं की स्कैनिंग कर उसकी पहचान करता है। आरोपी की गतिविधि और चाल ढाल से भी उसकी पहचान हो जाएगी। कम्प्यूटर सिस्टम में अगर हजारों फोटो और डाटा अपलोड हो तो भी उसके बीच यह सॉफ्टवेयर आरोपी की पहचान कर लेगा।

गुमशुदा की तलाश करने में भी मिलेगी मदद

छात्रों ने बताया इस सॉफ्टवेयर का एक फायदा गुमशुदा की तलाश में भी मिलेगा। अगर लापता व्यक्ति को किसी इलाके में देखे जाने की सूचना मिलती है। वहां मौजूद सिस्टम में इस सॉफ्टवेयर के मदद से उसकी फोटो अपलोड करने के बाद वहां दोबारा कैमरे के सामने गुजरेगा तो उसकी पहचान हो जाएगी। उसे खोज निकालने में भी मदद मिलेगी।

वाईफाई से नहीं जुड़े हैं कैमरे

छात्रों ने पुलिस के लिए कामगार सॉफ्टवेयर तैयार तो कर दिया, लेकिन पुलिस के कैमरे अब भी वाईफाई से नहीं जुड़े हैं। यह पूरा सॉफ्टवेयर ही वाईफाई से काम करता है। कैमरे में संदिग्ध या अपराधी के आते ही उसकी पहचान कर मैसेज कंट्रोल रूम को भेजता है। इसके लिए जल्द ही जिले में पुलिस के कैमरों को वाईफाई से जोड़ने तैयारी की जा रही है।

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