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उफान पर महानदी:अमेठी एनीकट पर 4 फीट ऊपर बह रहा पानी, दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा, लंबे रास्ते से आना-जाना कर रहे ग्रामीण

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Acn18.com/बलौदाबाजार जिले में पिछले 2 दिनों से हो रही बारिश के चलते महानदी का अमेठी एनीकट उफान पर है, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। पलारी से कसडोल, सिरपुर, बारनवापारा, तुरतुरिया जाने वाले लोग अमेठी एनीकट से ही शॉर्टकट रास्ते से आवाजाही करते हैं, लेकिन अमेठी एनीकट पर करीब 3 से 4 फीट ऊपर पानी बह रहा है। ऐसे में अब अमेठी से आवाजाही करने वाले लोगों को पलारी, कसडोल जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी।

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अमेठी, रोहासी, पिपरछेड़ी, रिवासरार, मुड़ीपार, सुकदा, घिरघोल दोनाझार, अर्जुनी, खैरा, पुटपुरा जैसे दर्जनों गांवों के लोग पलारी, बलौदाबाजार, रायपुर जाने इस मार्ग का प्रयोग करते हैं, लेकिन बरसात में 4 माह यह रास्ता बंद हो जाता है। इससे ग्रामीणों को करीब 40 से 50 किलोमीटर लम्बा रास्ता तय कर इन जगहों पर आना पड़ता है। इससे खासतौर पर किसानों और व्यापारियों को काफी मुश्किलें उठानी पड़ती हैं।

नदी किनारे बसे ग्रामीणों के दोनों छोरों पर खेत हैं, जिसमें पिपरछेड़ी, घिरघोल, अमेठी, दोनाझर, अर्जुनी, खैरा, अमेठी टेमरी जैसे गांव के लोग एक-दूसरे गांव में किसान खेती करते हैं, मगर बरसात में एनीकट जब उफान पर रहता है, तो रास्ता बंद हो जाता है। जिससे नदी के दोनों ओर खेती करने वाले लोग 4 माह तक खेती के लिए अब कसडोल और पलारी से घूमकर लम्बी यात्रा करके पहुंचेंगे। वहीं वे व्यापारी जिसके दुकान नदी के उस पार हैं, उन्हें भी इसी तरह लंबी यात्रा करके आना पड़ेगा।

महानदी में अवैध रेत खनन को भी बाढ़ ने रोका

अंचल में दर्जनों रेत घाट हैं, मगर महानदी में अवैध रेत खनन लगातार जारी था। अब बारिश की वजह से महानदी का जलस्तर बढ़ने से अवैध रेत खनन पर ब्रेक लग गया है। रेत खनन बंद होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। ओवर लोडेड रेत वाहनों से रास्ता भी जर्जर हो गया है, वहीं 24 चेन माउंटेन मशीन से रेत खनन करने से पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा था।

मुख्यमंत्री ने अमेठी में उच्च स्तरीय पुल निर्माण की घोषणा की है

कसडोल विधानसभा क्षेत्र के पलारी ब्लॉक में ग्राम ओढ़ान आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंचल की सालों पुरानी मांग अमेठी में उच्चस्तरीय पुल निर्माण को पूरा करने की घोषणा की है। इसके बन जाने के बाद नदी किनारे बसे लोगों को बरसात में लंबी यात्रा करनी नहीं पड़ेगी। वहीं पर्यटन और धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले लोगों को सिरपुर, तुरतुरिया, बारनवापारा जाने में सुविधा होगी।

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