इंडोनेशिया से आए कलाकारों की प्रस्तुति
इंडोनेशिया की रामायण होने जा रही प्रस्तुत।
इसमें जावा द्वीप के काकवीन रामायण और बाली द्वीप के रामायण प्रमुख हैं। भट्टी कवि के काव्य से यह प्रेरित है।
यहां बाली द्वीप की प्रस्तुति होगी। बाली में भारतीय सभ्यता स्थानीय प्रभाव के साथ अक्षत हैं।
अद्भुत धुनों के साथ आरम्भ हुई इंडोनेशिया की रामायण। विद्वान मानते हैं कि इस पर दक्षिण का प्रभाव अधिक है। अतएव इनकी भावमुद्रा दक्षिण के कत्थक्कली कलाकारों से मिल रही है, यद्यपि इसमें स्थानीय खुशबू भी उतनी ही है। सबसे शानदार है संगीत।
राम और सीता जी के बाद मंच पर आए हनुमान।
हनुमान यहां बड़ी भूमिका में हैं।
उनका मुकुट, उनकी वस्त्र सज्जा बताती है कि भारतीय समाज की तरह ही बाली का समाज भी प्रकृति का गहरा आदर करता है
हाथों की मुद्रा संगीत के साथ बदल रही है।
यहां का संगीत बिल्कुल अलग और विशिष्ट है और केवल संगीत के साथ ताल में भाव मुद्रा के माध्यम से राम कथा कही जा रही है