Acn18.com/भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया केस में नया मोड़ आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण पर पॉस्को एक्ट का केस दर्ज करवाने वाली पहलवान बालिग निकली है।
ये पहलवान रोहतक की रहने वाली है। उसके स्कूल से मिले बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर उसके बालिग होने की पुष्टि हुई है। इसकी जांच के लिए दिल्ली पुलिस की टीम रोहतक आई थी। हालांकि उसके पिता ने इसे गलत करार दिया है। उनका दावा है कि उनकी बेटी नाबालिग है।
पिता के दावे और उन पर उठ रहे सवाल
नाबालिग लड़की के पिता ने कहा- 16 साल की उम्र में बेटी का रांची में शिविर के दौरान बृजभूषण ने शोषण किया था। उनकी बेटी दिसंबर 2023 में 17 साल की होगी। हालांकि रांची शिविर डेढ़-दो साल पहले हुआ था। ऐसे में सवाल है कि तब उनकी बेटी 16 साल की थी तो 2 साल बाद भी 18 साल की कैसे नहीं हुई?।
पिता ने कहा कि मेरी 2 बेटियां और 1 बेटा था। बड़ी बेटी की 2 साल की उम्र में मौत हो गई। दूसरी बेटी का नाम उन्होंने बड़ी बेटी के नाम पर ही रखा। वह अब भी नाबालिग है और रेसलिंग करती है। हालांकि उसका डेथ सर्टिफिकेट कहां है?, इसके बारे में पिता स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
कैसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
रोहतक में नाबालिग पहलवान के चाचा मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि बृजभूषण पर केस दर्ज करवाने वाली उनकी पहलवान भतीजी नाबालिग नहीं है। उन्होंने लड़की के जन्म से जुड़े प्रूफ भी दिखाए। चाचा ने कहा कि सरकारी नौकरी का लालच देकर उनकी भतीजी से इस तरह के आरोप लगवाए गए हैं।
हालांकि लड़की के पिता का कहना है कि वह लड़की का चाचा नहीं बल्कि ताऊ है। वह बड़ी बेटी के दस्तावेज दिखा रहा है। जिसकी पहले मौत हो चुकी है।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी रोहतक आकर जांच की, जिसके बाद पहलवान के बालिग होने का दावा किया जा रहा है।
इसका असर क्या.. बृजभूषण की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं
अगर पुलिस जांच में यह बात सही निकली कि आरोप लगाने वाली पहलवान नाबालिग नहीं बालिग है तो बृजभूषण पर दर्ज केस से पॉस्को एक्ट हट जाएगा। ऐसे में उनके खिलाफ सिर्फ IPC की धारा 354 का केस रह जाएगा। जिसमें तुरंत गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है।
बृजभूषण ने कहा- गलत हुआ तो गिरफ्तार हो जाऊंगा
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि आगे आगे देखिए होता क्या है। जांच तो करने दीजिए। अब तो हमारे हाथ में खेल है नहीं, दिल्ली पुलिस के हाथ में है। उन्हीं (पहलवानों) के निवेदन पर एफआईआर हुई है। अब हम उनकी क्या मदद कर सकते हैं। गंगा जी में मेडल डालने गए थे। गंगा जी के बजाय टिकैत को दे दिए। मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है। गिरफ्तारी के सवाल पर कहा कि अगर मैं गलत पाया जाऊंगा तो गिरफ्तारी हो जाएगी।
UWW ने WFI को निलंबित करने की चेतावनी दी
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत के शीर्ष पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है और राष्ट्रीय महासंघ WFI को निलंबित करने की धमकी दी। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कहा कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित तौर पर कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वाले पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर नजर रखे हुए है।
UWW ने कहा कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग पहलवानों के हिरासत की कड़ी निंदा करता है। यह अब तक की जांच के परिणामों की कमी पर अपनी निराशा व्यक्त करता है। UWW संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है।
WFI पर लग सकता है प्रतिबंध
खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की कार्यकारी समिति के गठन के 45 दिनों के भीतर चुनाव कराने के लिए एक तदर्थ समिति बनाने के लिए कहा था। 27 अप्रैल को WFI के दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने और चुनाव कराने के लिए दो सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया गया था। चुनाव हुए 33 दिन हो चुके हैं। UWW ने कहा कि अगर वह समय पर आम सभा आयोजित करने में विफल रहती है तो वह राष्ट्रीय महासंघ पर प्रतिबंध लगा देगी।
UWW राष्ट्रीय महासंघ की तदर्थ समिति से अगली आम सभा के बारे में और जानकारी का अनुरोध करेगा। इस चुनावी सभा को आयोजित करने के लिए शुरू में निर्धारित 45 दिनों की समय सीमा का सम्मान किया जाएगा। “ऐसा करने में विफल रहने पर UWW को महासंघ को निलंबित करना पड़ सकता है, जिससे एथलीटों को एक तटस्थ ध्वज के तहत प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
मेडल ना बहाने के बाद खामोश हुए पहलवान
वहीं दूसरी तरफ बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ आंदोलन कर रहे रेसलर्स गंगा में मेडल ना बहाने के फैसले के बाद पूरी तरह खामोश है। खाप और किसान यूनियन के आग्रह पर देर रात हरिद्वार में मेडल बहाने गए रेसलर्स साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया वापस लौट चुके है। इसके बाद सार्वजनिक तौर पर अभी किसी भी पहलवान का कोई बयान सामने नहीं आया है। किसान नेता नरेश टिकैत ने 5 दिन का अल्टीमेटम देकर पहलवानों को मेडल ना बहाने के लिए मनाया था। साथ ही इसके बाद बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।
पढ़िए.. इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
- 18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
- 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
- 23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
- 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉस्को एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
- 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
- 7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
- 21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
- 26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरनास्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
- 28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
- 29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
- 30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।