ACN18.COM बालोद/ बालोद जिले के दल्लीराजहरा नगर पालिका के तिवारी पोल्ट्री फार्म में एक साथ 3 हजार 700 मुर्गियों की मौत के मामले में पशुपालन विभाग ने बड़ी जानकारी दी है। बुधवार देर शाम मुर्गियों की सैंपल रिपोर्ट आने के बाद उनकी मौत रानीखेत नाम की बीमारी से होना बताया जा रहा है।
बालोद के पशुपालन विभाग ने बताया कि मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए रायपुर भेजे गए थे। रायपुर से आई रिपोर्ट से पता चला है कि मुर्गियों की मौत रानीखेत नाम की बीमारी से हुई है न कि बर्ड फ्लू से। पशुपालन विभाग ने उपसंचालक डीके सिहारे ने बताया कि रानीखेत का वैज्ञानिक नाम न्यूकैसल डिजीज (Virulent Newcastle disease) है। अलग-अलग देशों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि और बेहतर जांच के लिए महाराष्ट्र के पुणे भी सैंपल भेजा गया है।
विषाणुजनित रोग है रानीखेत
डॉक्टर डीके सिहारे ने बताया कि रानीखेत रोग (Virulent Newcastle disease (VN) एक विषाणुजनित रोग है, जो घरेलू पक्षियों जैसे मुर्गी और कई जंगली प्रजातियों के पक्षियों को भी प्रभावित करता है। इस बीमारी से दो-तीन दिन में ही पक्षी बहुत कमजोर हो जाते हैं। इसमें मृत्यु दर भी अधिक होती है। यही वजह है कि एक साथ इतनी मुर्गियों की मौत हुई है। यह रोग सूक्ष्म विषाणु से बहुत तेजी से फैलता है। संक्रमण पर नियंत्रण और इलाज समय रहते नहीं हो, तो रोग महामारी की तरह फैल जाता है। इससे मुर्गी पालकों को बहुत अधिक क्षति होती है।
एडवाइजरी जारी
पशुपालन विभाग ने जो एडवाइजरी जारी की है, उसे अब अमल में लाया जाएगा। लक्षण दिखने वाले मुर्गियों को अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बाकी मुर्गियों में बीमारी न फैले। वहीं बीमार शेड में जाने वाले कर्मचारियों को स्वस्थ मुर्गियों के शेड में नहीं जाने के लिए कहा गया है। साथ ही यहां पानी निकासी की व्यवस्था और साफ-सफाई रखने की बात भी कही गई है। जिस पोल्ट्री फार्म में यह घटना घटी है, वहां पर संभाग स्तरीय रैपिड रिस्पॉन्स टीम काम करेगी।
पुणे भी भेजा गया सैंपल
फिलहाल यहां मुर्गियों में रानीखेत बीमारी होने की बात सामने आ रही है, लेकिन एडवांस जांच के लिए पुणे (महाराष्ट्र) भी सैंपल भेजा गया है। हालांकि ये राहत की बात है कि बर्ड फ्लू की जो आशंका जताई जा रही थी, वो गलत साबित हुई है।