acn18.com कोरबा / कोरबा जिले में निवासरत विशेष सदस्य जनजातियों के उत्थान के लिए प्रशासन के द्वारा योजनाओं के अंतर्गत काम किया जा रहा है। विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं। 3 वर्ष पहले हुए सर्वे के बाद अब 25 शिक्षित पहाड़ी कोरवा को नियुक्ति पत्र देना तय किया गया है।
पहाड़ी कोरवा सहित विशेष सुरक्षित जनजातियों के जीवन में नई उम्मीद जगाने के लिए निरंतर जतन किए जा रहे हैं। पहाड़ से नीचे उतारने के साथ उन्हें शिक्षा और अन्य क्षेत्र से जुड़ने के लिए काम जारी है। लगातार किए जा रहे प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं और यह वर्ग खुद को नई धारा की तरफ मोड़ने में लगा हुआ है। कोरबा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे लोगों की संख्या 2500 के आसपास है वर्ष 2019 में किए गए सर्वे में शिक्षित वर्ग की संख्या 341 के आसपास थी। इनमें से 25 लोगों को विश्व आदिवासी दिवस पर तृतीय और चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के पद पर नियुक्त करने के प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। विशेष संरक्षण जनजातियों में पढ़ाई का स्तर कैसे बढ़े इसके लिए भी चिंता की जा रही है। इस बारे में आगे अध्ययन किया जाएगा और संबंधित को प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी जिले का भ्रमण के दौरान ऐसे लोगों से मेलजोल करते हैं और उनसे संवाद स्थापित करते हैं। बताया जा रहा है कि प्रशासन के निर्देश पर ऐसे लोगों के आर्थिक उत्थान के लिए लगातार विचार हो रहा है। उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए बेहतर कोशिशें की जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पहाड़ी कोरवा के अलावा बिरहोर, और अन्य संरक्षित जनजाति के लोग निवास करते हैं जिनके जीवन को संवारने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम हो रहा है। ऐसा पहली बार होगा जबकि बड़ी संख्या में पहाड़ी कोरवाओं के बीच से शिक्षित लोगों को सरकारी नौकरी करने का मौका दिया जा रहा है। उम्मीद करना होगा कि आने वाले दिनों में यह वर्ग अपने प्रयासों से खुद को ऊंचा उठाने के लिए संकल्पित होगा
पीवी सिंधु की झोली में स्वर्ण पदक, राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार गोल्ड पर किया कब्जा