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बिलासपुर में फूड प्वाइजनिंग के 15 नए मरीज:देवकिरारी में स्वास्थ्य विभाग ने लगाया कैंप, पानी का सैंपल लिया; गुपचुप-चाट खाने से हुए हैं बीमार

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ACN18.COM बिलासपुर/ बिलासपुर में गुपचुप और चाट खाने से बीमार ग्रामीणों की संख्या अब 40 से अधिक हो गई है। बच्ची की मौत के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने मंगलवार को गांव में हेल्थ कैंप लगाकर जांच की, जिसमें 15 नए मरीज मिले हैं। इन सभी में उल्टी-दस्त के साथ बुखार और सिरदर्द की शिकायतें मिली है। टीम अब यहां घर-घर सर्वे कर रही है। गुपचुप वाले के घर के साथ ही गांव से पानी का सैंपल लिया गया है, जिसे जांच के लिए CIMS भेजा गया है।

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बिल्हा क्षेत्र के ग्राम देवकिरारी में फूड प्वाइजनिंग की शिकार 9 साल की बच्ची मीनाक्षी की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला पर है। गांव में बीमार महिलाओं और बच्चियों की संख्या को देखते हुए मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम देवकिरारी गांव पहुंच गई। इस दौरान गांव मे डोर-टू-डोर सर्वे कर ग्रामीणों की जांच की गई। जांच के दौरान फूड प्वाइजनिंग से बीमार 15 नए मरीज मिले हैं। डॉक्टरों ने इन मरीजों को आवश्यक दवाइयां दी हैं।

देवकिरारी गांव में फूड प्वाइजनिंग से बीमार मरीजों का बिल्हा अस्पताल में इलाज चल रहा है।
देवकिरारी गांव में फूड प्वाइजनिंग से बीमार मरीजों का बिल्हा अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बच्ची की मौत, बड़ी बहन को प्राइवेट में शिफ्ट कराया
सोमवार को फूड प्वाइजनिंग की शिकार बच्ची की मौत हो गई थी। वहीं नए मिले मरीजों सहित 19 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिल्हा में भर्ती कराया गया है। जबकि तीन मरीज शहर के अस्पताल में भर्ती है। शेष मरीजों को दवाइयां देकर कर स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी में रखा है। मीनाक्षी की मौत के बाद उसके परिजन स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से घबरा गए हैं। छोटी बेटी की मौत के बाद परिजनों ने बड़ी बेटी साक्षी कोसले को CIMS से निजी अस्पताल रेफर करा लिया है।

बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद गांव में हेल्थ कैंप लगाया गया है।
बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद गांव में हेल्थ कैंप लगाया गया है।

गांव पहुंचे CMHO, नहीं मिले परिजन
CMHO डॉ. प्रमोद महाजन मंगलवार को बिल्हा स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान बिल्हा SDM अमित गुप्ता सहित अन्य नेता भी मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचें थे। डॉ. महाजन मृतका बच्ची के घर भी गए थे, जहां कोई नहीं मिला। बताया गया कि बच्ची के परिजन अस्पताल में हैं। निरीक्षण के दौरान डॉ. महाजन ने BMO शुभ्रा गढ़ेवाल को निर्देशित किया कि मरीजों के स्टूल सैंपल लेकर परीक्षण के लिए CIMS भेजें। उन्होंने बताया कि देवकिरारी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला में शिविर लगाकर मरीजों की जांच की जा रही है।

हैंडपंप, तालाब और गुपचुप वाले के घर से लिया पानी का सैंपल
गांव में एक साथ फूड प्वाइजनिंग के बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद हेल्थ कैंप लगाने के साथ ही चार जगहों से पानी का सैंपल भी लिया गया है। मितानिन हेमा बंजारे के घर के सामने पेयजल स्त्रोत, सतनामी मोहल्ला जहां मृतका का घर है वहां के बोर का पानी, हैंडपंप जहां से लोग दाल पकाने के लिए पानी ले जाते हैं और गांव के तालाब, जहां लोग नहाते है। इन चारों जगहों से पानी का सैंपल लेने के साथ ही गुपचुप बेचने वाले पत्थरखान निवासी ग्रामीण के घर से पानी का सैंपल लिया गया है, जिसे जांच के लिए CIMS भेजा गया है।

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