समय कभी भी एक जैसा नहीं रहता है, किसी भी पल कुछ भी हो सकता है। इसलिए हमें अच्छे दिनों में अहंकार नहीं करना चाहिए और विपरीत स्थितियों में धैर्य नहीं खोना चाहिए। अगर ये बातें ध्यान नहीं रखी जाती हैं तो दिक्कतें बढ़ जाती हैं। हम ये बात एक लोक कथा से समझ सकते हैं…
एक लोक कथा के मुताबिक पुराने समय में एक राजा को अपने धन, सुख-सुविधाओं पर बहुत घमंड था। राजा जहां जाता, उसके सेवक सैकड़ों हाथियों पर उसके लिए खाने-पीने की चीजें साथ ले जाते थे।
एक दिन राजा के कई शत्रुओं ने एक साथ मिलकर उसके राज्य पर आक्रमण कर दिया। राजा अकेला पड़ गया था, शत्रुओं के सामने उसकी सेना भी कमजोर थी। इस वजह से राजा युद्ध हार गया और शत्रुओं ने उसे बंदी बना लिया।
शत्रुओं ने राजा का पूरा राज्य और धन-संपत्ति पर कब्जा कर लिया। राजा कैद में रह रहा था। एक राजा का पुराना रसोइया राजा को दिखाई दिया। राजा ने उसे बुलाया और कहा कि मेरे लिए थोड़ा बहुत खाना ले आओ। बहुत दिनों से ठीक से खाना नहीं मिला है।
रसोइया राजा की बात मानकर बाहर गया और किसी तरह थोड़ी सी सब्जी-रोटी छिपाकर राजा के पास ले आया। रसोइया खाना एक छोटे से लोटे में लेकर आया था। रसोइया ने खाना राजा के सामने रख दिया। राजा खाना उठाता उससे पहले वहां एक कुत्ता आ गया और उसने लोटे में मुंह डाल दिया। कुत्ते का मुंह लोटे में ही फंस गया और वह लोटा लेकर वहां से भाग गया।
जब कुत्ता राजा का खाना लेकर भाग गया तो राजा को हंसी आ गई। राजा को हंसते देखकर रसोइए ने हंसी की वजह पूछी। राजा ने कहा कि एक समय था, जब मेरे लिए सैकड़ों हाथियों पर खाने-पीने की चीजें रखी होती थी और आज एक कुत्ता मेरा खाना लेकर भाग गया।
जीवन प्रबंधन
इस किस्से की सीख यह है कि समय कभी भी बदल सकता है, इसलिए हर परिस्थिति के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। जब समय अच्छा हो तो अहंकार न करें और बुरे समय का सामना हंसते हुए करेंगे तो दुख कम होगा और हम निराशा से बचे रहेंगे।
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