कोरबा। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल सदैव सामाजिक संगठनों को प्राथमिकता देते रहे हैं। इस दिशा में उनका विजन एकदम साफ है कि जब समाज तरक्की करेंगे तो खुद ब खुद ही क्षेत्र का विकास होगा।
विगत 5 अक्टूबर को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्रालय में एक आवश्यक बैठक रखी गयी। मंत्रालय की शासकीय भूमि आवंटन व व्यवस्थापन के लिए अंतरविभागीय समिति की बैठक में सामाजिक संगठनों को भूमि आवंटन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कोरबा जिले के 8 समाज के लोगों की मांगों को पूरा किया गया है। जिसमें बंग, पंजाबी और सतनामी समाज समेत अन्य समाज शामिल हैं।
इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ शासन की राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव नीलम नामदेव एक्का, वित्त विभाग की विशेष सचिव शीतल शाश्वत वर्मा के साथ ही आवास एवं पर्यावरण विभाग की उपसचिव सी तिर्की मौजूद रहे। बैठक के बाद सामाजिक संगठनों को विधिवत भूमि का आवंटन कर दिया गया। अन्य विभाग के सचिवों के मौजूदगी में बैठक की गई है। अन्य विभागों से जो अनुमति, अनापत्ति भूमि के आवंटन में आ सकती थी, उन सभी को दूर कर जमीन आवंटन का रास्ता पूरी तरह से प्रशस्थ कर दिया गया है।
इन्हें मिली भूमि अब समाज का होगा विकास :
मंत्री जयसिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान सतनामी कल्याण समिति कोरबा को 8 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है. इसी तरह राधास्वामी सत्संग ब्यास डेरा, बाबा जैमल सिंह व्यास की कोरबा इकाई को 0.56 एकड़ भूमि सत्संग भवन के लिए प्रदान की गयी है। पंजाबी बिरादरी कोरबा के सामाजिक भवन के लिए 1 एकड़, गुरु गद्दी धाम और सतनाम विकास समित कोरबा को डेढ़ एकड़ भूमि के साथ ही जिले में उच्च शिक्षा की स्थिति को और भी सुदृढ करने के लिए कमला नेहरू महाविद्यालय की समिति को 5 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है।
जबकि बंग समाज पुराना बस स्टैंड कोरबा को 1 एकड़ भूमि, गुरुद्वारा सिंह सभा टीपी नगर को 3 एकड़ भूमि के अलावा श्री दिगंबर जैन समाज, दिगंबर जैन मंदिर चौक बुधवारी को 2.40 एकड़ भूमि प्रदान ली गयी है।
भू स्थापितों के भी लिए भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव :
मंत्री ने न सिर्फ समाजों का ध्यान रखा है। बल्कि दशकों से संघर्ष कर लड़ाई लड़ रहे भू -स्थापितों के पुनर्वास का भी पूरा ख्याल रखा है। जिनकी मांग पर भी संवेदनशीलता पूर्वक विचार करते हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कुसमुंडा कोयला खदान के विस्तार परियोजना अंतर्गत अर्जित ग्राम सोनपुरी, पड़निया और अन्य गांव के भू- विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था की है। इन भू स्थापितों को गांव तरदा, तहसील बरपाली में एक पुनर्वास गांव के लिए 39.38 हेक्टर भूमि का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रकरण को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजते हुए सकारात्मक निर्णय लिया गया है। ताकि भू- स्थापित परिवारों को सर्व सुविधा मुक्ति पुनर्वास की व्यवस्था मिल सके। यह पहला अवसर होगा जब सीधे राजस्व मंत्री के कार्यालय से केंद्रीय सरकार के उपक्रम के लिए शासन के मंत्री ने पहल की और उनके पुनर्वास का ध्यान रखा है