मन में अगर हौंसलों की उड़ान हो तो उम्र कभी आड़े नहीं आती। मंजिल चाहे कितनी भी दूर क्यों न हो दृढ़ ईच्छासंकल्प से उसे आसानी से हासिल किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कोरबा की नन्ही सी बच्ची इशिता ने जिसने सात समंदर पार दुबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की नृत्य प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया। इशिता ने देश की सबसे प्राचीन कत्थक नृत्य का प्रदर्शन किया जिसकी सभी ने जमकर सराहना की है। इशिता के इस उपलब्धी से निश्चित ही कोरबा का मान देश के साथ ही विश्व पर पड़ा है।
कोरबा की पहचान पूरे देश में उर्जाधानी के रुप में होती है। कोयला खदानों के कारण इसे काले धरती के रुप में भर पहचाना जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से कोरबा जिला कला के क्षेत्र में भी तेजी से उभरकर सामने आ रहा है। खेल के साथ ही नृत्य व संगीत कला के क्षेत्र में भी यहां के बच्चों ने सफलता के झंडे गाड़े है। ऐसा ही कुछ किया है कोरबा की इशिता ने जिसने सात समंदर पार जाकर कोरबा का नाम विश्व पटल पर ला खड़ा किया है। दुबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की नृत्य प्रतियोगिता में इशिता ने गोल्ड मेडल हासिल कर दिखा दिया है,कि सफलता के लिए उम्र मोहताज नहीं होगा। माईनर वर्ग में इशिता ने यह उपलब्धी हासिल कर कोरबा के लोगों को मुस्कुराने का मौका दिया है। छोटी सी उम्र में ही जिस तरह से इशिता ने अंतर्राष्ट्रीय पर भारतीय संस्कृति की विरासत माने जाने वाले कत्थक नृत्य की प्रस्तुती उसकी मौके पर मौजूद देश विदेश के सैकड़ों लोगों ने जमकर प्रशंशा की यही वजह है,कि उसे यह पुरष्कार मिला जिससे उसके माता पिता सहित गुरु भी काफी प्रसन्न है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करने से पहले इशिता ने जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी कला का लोहा मनवा चुकी है। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक दो में इशित कक्षा चैथी की छात्रा है जिसने खेलने कूदने की उम्र में वह मुकाम हासिल किया है जो बड़े बड़े नहीं कर पाते। इशिता की इस सफलता से कोरबा कलेक्टर संजीव झा भी गदगद हैं और उन्होंने नन्हीं बच्ची की हौसला अफजाई करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है।