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गुजरात में 157 सीट जीतकर भाजपा ने नया रिकॉर्ड बनाया:1985 में कांग्रेस को 149 सीट मिली थीं; CM की शपथ 12 दिसंबर को

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acn18.com गुजरात/गुजरात में भाजपा 157 सीटों के साथ जीत का नया रिकॉर्ड बना दिया है। पार्टी 182 में से 151 सीटें जीत चुकी है और 6 पर आगे चल रही है। इसके साथ ही भाजपा ने 1985 में कांग्रेस की 149 सीटें जीतने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ऐतिहासिक जीत के बाद 12 दिसंबर को गांधीनगर में विधानसभा के पीछे हेलीपैड मैदान में CM की शपथ होगी।

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कांग्रेस ने 1985 में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 विधानसभा सीटें जीती थीं। वहीं, मोदी के CM रहते भाजपा ने 2002 के चुनाव में 127 सीटें जीती थीं। इस बार की जीत के साथ भाजपा ने दोनों रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दिलचस्प बात यह है चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। नतीजों में यही नजर आ रहा है।

भाजपा 150 के पार, कांग्रेस 20 के अंदर सिमटी
रुझानों में गुजरात की 182 में से भाजपा ने 151 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस 2 सीटों पर आगे है और 14 सीटें जीत चुकी है। इधर, आम आदमी पार्टी 4 सीटें जीत चुकी है और एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है। निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स ने 4 सीटें जीत ली हैं। भाजपा की लीड को देखते हुए पार्टी समर्थकों ने जश्न शुरू कर दिया है।

12 दिसंबर को शपथ लेंगे मुख्यमंत्री
गुजरात में गुरुवार सुबह 8 बजे से पहले आधे घंटे में पोस्टल बैलेट्स की गिनती के बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई थी। गुजरात भाजपा प्रमुख CR पाटिल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे गुजरात के नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे।

गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जनादेश अब स्पष्ट हो चुका है, यहां की जनता ने मन बना लिया है कि दो दशक से चली आ रही गुजरात की इस विकास यात्रा को अविरत चालू रखना है। यहां के लोगों ने एक बार फिर BJP पर अटूट भरोसा दिखाया है।

AAP के तीनों दिग्गज चुनाव हारे
AAP के तीनों बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ईशुदान गढ़वी शामिल हैं। इनके अलावा AAP के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया की सीट कतारगाम (सूरत) से हार गए हैं। पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया भी चुनाव हार गए हैं। हालांकि, पार्टी दो सीटें जीत चुकी है और 5 पर उसकी बढ़त बनी हुई है।

ओवैसी के सभी 13 कैंडिडेट चित
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। AIMIM ने कुल 13 में से 2 हिंदू कैंडिडेट भी मैदान में उतारे थे। पार्टी के सभी कैंडिडेट चुनाव हार गए हैं। वडोदरा की वाघोडिया सीट से भाजपा के बागी मधु श्रीवास्तव भी चुनाव हार गए हैं।

अपडेट्स…

  • वढवाण से भाजपा के जगदीश मकवाणा 52 हजार वोट से आगे हैं, लीड देखकर उनकी जीत पक्की मानी जा रही है।
  • लीमडी मे भाजपा के कीरीट सिंह राणा 20 हजार वोट से आगे हैं, उनकी जीत भी पक्की मानी जा रही है।
  • भावनगर (पश्चिम) से बीजेपी के शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी 2000 वोटों से आगे चल रहे हैं। पहले राउंड में वे कांग्रेस कैंडिडेट से पिछड़ गए थे।
  • मजुरा से गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संधवी आगे हैं। यहां फिलहाल दूसरे नंबर पर कांग्रेस कैंडिडेट है।
  • कुतियाणा में लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के बेटे कांधल जडेजा चुनाव जीत गए हैं। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
  • ​​​​​गुजरात की 9 हॉट सीटें, सभी पर भाजपा जीती

    1. घाटलोडिया (अहमदाबाद) से CM भूपेंद्र पटेल जीते: गुजरात को दो मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल) देने वाली घाटलोदिया सीट से इस बार राज्य के CM भूपेंद्र पटेल मैदान में उतरे। पाटीदार वोटर्स के असर वाली इस सीट पर कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अमी बेन याग्निक को टिकट दिया था। AAP से विजय पटेल चुनाव लड़ रहे थे।

    2. राजकोट वेस्ट से भाजपा की दर्शिता शाह जीतीं: राजकोट-पश्चिम से नरेंद्र मोदी ने 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में गुजरात के CM रहे विजय रूपाणी ने यहां से 53 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार उनकी जगह भाजपा ने दर्शिता शाह को मैदान में उतारा। यहां कांग्रेस से मनसखभाई और AAP से दिनेश जोशी लड़ रहे थे।

    3. जामनगर नॉर्थ से भाजपा की रीवाबा जडेजा जीती: यहां क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस से दिग्गज नेता बिपेंद्र सिंह जडेजा और AAP के कर्सन करमोर चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि रीवाबा की ननद नयनाबा उनके खिलाफ प्रचार कर रही थीं। वे जामनगर जिला कांग्रेस की महामंत्री हैं। रीवाबा के ससुर अनिरुद्ध जडेजा भी कांग्रेस कैंडिडेट के समर्थन में ही प्रचार कर रहे थे।

    चुनाव प्रचार के दौरान क्रिकेटर रवींद्र जडेजा के साथ भाजपा कैंडिडेट रीवाबा जडेजा।
    चुनाव प्रचार के दौरान क्रिकेटर रवींद्र जडेजा के साथ भाजपा कैंडिडेट रीवाबा जडेजा।

    4. वीरमगाम (अहमदाबाद) से भाजपा के हार्दिक पटेल जीते: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल वीरमगाम सीट से कैंडिडेट थे। पिछले दो टर्म से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 2002 और 2007 में यह सीट जीतने वाली कांग्रेस ने पुराने दिग्गज लाखाभाई भारवाड़ को टिकट दिया था। AAP ने अमर सिंह ठाकोर को चुनाव में उतारा था।

    5. मोरबी से भाजपा के कांति लाल अमृतिया जीते: कांति लाल अमृतिया साल भाजपा के टिकट पर मोरबी से पांच बार जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा ने हराया था। चुनाव के बाद मेरजा विधायकी छोड़कर भाजपा में आ गए थे। इस वजह से 2018 में उपचुनाव हुए। इसमें मेरजा ही जीते।

    इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर एक बार फिर अमृतिया को मैदान में उतारा। मोरबी पुल हादसे के वक्त वे लोगों की जान बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। कांग्रेस ने जयंति पटेल और AAP ने पंकज रणसरिया को टिकट दिया था।

    6. मणिनगर (अहमदाबाद) से भाजपा के अमूल भट्ट जीते: गुजरात के CM रहते हुए मोदी 2007 और 2012 के चुनाव अहमदाबाद की मणिनगर की सीट से जीते थे। इस सीट पर पिछले 8 चुनाव से भाजपा का कब्जा है। पार्टी ने यहां से अमूल भट्ट को टिकट दिया। AAP ने विपुलभाई पटेल और कांग्रेस ने सीएम राजपूत को मैदान में उतारा था।

  • 7. नारणपुरा (अहमदाबाद) से भाजपा के जितेंद्र पटेल जीते: अहमदाबाद की नारणपुरा विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई। पहली बार यहां से अमित शाह ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2017 में बीजेपी के कौशिकभाई पटेल ने यह सीट जीती। इस बार भाजपा ने जितेंद्र भाई पटेल को उतारा था। कांग्रेस से सोनल पटेल और AAP से पंकज पटेल मैदान में थे।.

    8. खंभालिया (द्वारका) से AAP के ईशुदान गढ़वी हारे: खंभालिया सीट इसलिए खास है, क्योंकि यहां AAP के CM कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी चुनाव लड़ रहे थे। भाजपा ने मुलुभाई हरदासभाई बेरा और कांग्रेस ने सिटिंग MLA विक्रम माडम को टिकट दिया है। उन्होंने 2017 में भाजपा कैंडिडेट को 11 हजार 46 वोटों से हराया था। ओवैसी की AIMIM ने भी यहां अपना कैंडिडेट उतारा था।

    9. बायड (अरावली) से शंकर सिंह वाघेला के बेटे हारे: यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र वाघेला मैदान में थे। महेंद्र सिंह ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उन्होंने 2017 का चुनाव नहीं लड़ा था और भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, तीन महीने बाद ही वे कांग्रेस में लौट आए थे। यहां भाजपा ने भीखीबेन परमार और AAP ने चुनीभाई पटेल को टिकट दिया था।

  • दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा 70% वोटिंग
    गुजरात को सियासी जानकार चार हिस्सों में बांटकर देखते हैं। ये हैं मध्य, उत्तर, दक्षिण और सौराष्ट्र-कच्छ। इन सभी रीजन में सबसे ज्यादा वोटिंग दक्षिण गुजरात में हुई। यहां वोटिंग का आंकड़ा 70.38% रहा। गुजरात के इन चारों रीजन में वोटर्स की संख्या, महिला-पुरुष मतदाताओं के आंकड़े और वोटिंग परसेंट नीचे दिए ग्राफिक में देख सकते हैं…

PM मोदी-शाह के गांव में कमल खिला:दोनों जगह पिछली बार कांग्रेस जीती, इस बार RSS और शाह ने बनाई थी अलग रणनीति

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