acn18.com /मताधिकार की आयु पूरी करने वाले वर्ग को इस बात की बेहद प्रतीक्षा होती है कि वह चुनाव में पहली बार मतदान करें और जनप्रतिनिधि के चयन में भूमिका निभाये। ऐसी स्थिति में सपने तब टूट जाते हैं जब कोई अन्य व्यक्ति बोगस तरीके से मतदान कर दे। डींगापुर इलाके के मतदान केंद्र में युवा मतदाता चंचल तिवारी के साथ ऐसा ही हुआ। अपना वोट नहीं डाल पाने के कारण उपाय नाराज भी और निष्पक्ष व पारदर्शी मतदान की व्यवस्था पर सवाल भी उठाएं।
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में अपनी मां रंजना तिवारी के साथ पहुंची चंचल तिवारी का नाम इसी वर्ष मतदाता सूची में जुड़ा है जिसने वर्ष की शुरुआत में 18 वर्ष की आयु पूरी की। वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव उसके जीवन का पहला अवसर था जब उसे मत देने का अधिकार मिला। कोरबा विधानसभा क्षेत्र की निवासी चंचल मतदान करने के लिए डींगापुर स्थित मतदान केंद्र पहुंची हुई थी लेकिन यहां शुरुआती प्रक्रिया के दौरान उसे मालूम चला कि उसका वोट तो किसी और ने डाल दिया है। चंचल ने बताया कि इस बारे में उसने निर्वाचन से संबंधित अधिकारी से शिकायत की तो उसे विकल्प देते हुए टेंडर वोट डालने को कहा गया लेकिन चंचल रहती है कि फर्जी मतदान आखिर हो कैसे रहा है।
चंचल ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसका वोटर आईडी आया था तब एक कर्मचारी ने ₹20 की मांग की थी और नहीं देने पर धमकाया था। चंचल ने कहां की प्रशासन को पूरे मामले की जांच पड़ताल करना चाहिए।विधानसभा चुनाव में अलग-अलग कारणों से उत्पन्न होने वाली स्थिति को ध्यान में रखते हुए अनेक स्थानों पर पर्याप्त निगरानी रखी गई है। वेब कास्टिंग के माध्यम से भी इस प्रकार की व्यवस्था कराई गई है। इन सबके बावजूद मतदान केंद्र स्तर पर गड़बड़ियां आखिर कैसे हो जाती है यह अपने आप में पहली तो है ही। संभव है कि फर्जी मतदान से जुड़े मामले और भी हो सकते हैं। देखना होगा कि निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान की प्रक्रिया में सेंध लगाने वाले तत्वों के खिलाफ प्रशासन आगे क्या कुछ कार्रवाई करता है