acn18.com कोरबा/ मानव शरीर में होने वाली अनेक बीमारियों को ठीक करने में दवाई अपना काम करती है जबकि कुछ मामले शारीरिक अभ्यास से हल हो जाते हैं। कोरबा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में शुरू की गई फिजियोथैरेपी एंड रिहैबिलिटेशन यूनिट इस कड़ी में काम कर रही है। दुर्घटना और अन्य कारण से निराश हो चुके ऐसे कई लोगों को यहां से आशा की नई किरण मिली है।
हड्डी और नसों से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्याओं के मामले में लोग लंबे समय तक दवाएं और इंजेक्शन लिया करते हैं लेकिन नतीजे तक नहीं पहुंच पाते। कई कारणों से लोगों का चलना फिरना लगभग बंद हो जाता है या फिर उनके कंधे और कमर में परेशानियां पैदा हो जाती है। किसके निराकरण के लिए फिजियोथैरेपी और रिहैबिलिटेशन को बेहतर विकल्प माना गया है।। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट में बेहतर संसाधन के साथ ऐसे लोगों को चिकित्सा देने का काम यहां की टीम कर रही है। पोड़ीबहार क्षेत्र रहने वाले साइमन मशीह को एक वर्ष पहले वाहन ने कुचल दिया था जिसके बाद उन्हें काफी समस्याएं हुई। यहां वहां कई लाखों रुपए खर्च करने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज से राहत मिली।
फिजियोथैरेपी विभाग के डॉक्टर पवन पटेल बताते हैं कि यहां पर वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है जो पहले महानगर तक सीमित हुआ करती थी । इसके माध्यम से पीड़ित वर्ग को लाभ देने की कोशिश की जा रही है।
पवन पटेल बताते हैं कि यहां पर अब तक कई जटिल मामले आए हैं जिनमें लोगों ने मान लिया था कि अपंगता ही उनका भविष्य है लेकिन उपचार प्राप्त करने के साथ सब कुछ बदल गया।
फिजियोथेरेपी विभाग के प्रमुख ने बताया कि विभिन्न मामलों में लोगों को अगर कहीं से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें एक बार यहां पर अवश्य आना चाहिए। इससे उनकी समस्या हल होगी और रुपया भी बचेंगे।
भारत सरकार के द्वारा 2 वर्ष पहले कोरबा में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी गई थी और इसके बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी होने पर मान्यता प्रदान कर दी गई। वर्तमान में ओपीडी से लेकर अलग-अलग स्तर पर संसाधनों में बढ़ोतरी की गई है और कुल मिलाकर इसके माध्यम से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है
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