ईरान में मॉरल पुलिसिंग का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग से 5 लोगों की मौत हो गई। 80 से ज्यादा घायल हैं। ये प्रदर्शन देश के पश्चिमी हिस्से में शुरू हुए थे। इस इलाके को कुर्दिस्तान कहा जाता है। यहां के लोग कई साल से अलग देश की मांग भी कर रहे हैं।
सिर न ढकने के आरोप में पुलिस ने 22 साल की माहसा अमीनी को कस्टडी में ले लिया था। माहसा कुर्द मूल की थीं। हिरासत में ही वे कोमा में चली गईं और 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई। इसके बाद महिलाओं का गुस्सा भड़क गया। कुर्दिस्तान के शहरों के बाद राजधानी तेहरान में भी प्रदर्शन हुए हैं। महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए।
अयातुल्लाह खामनेई ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता हैं। देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के बावजूद सभी अहम फैसले वही लेते हैं। प्रदर्शनकारी उनके खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे हैं। इसी के बाद पुलिस ने फायरिंग की।
सिर्फ कुर्दिस्तान ही नहीं, राजधानी तेहरान और देश के कई शहरों में खामनेई के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। महिलाओं के साथ पुरुष भी बड़ी तादाद में नजर आ रहे हैं।
कुर्द आबादी वाले इलाकों में सुरक्षाबलों से झड़पें
ईरान में विदेशी मीडिया पर रोक है। यहां लोगों तक पहुंच भी आसान नहीं है। बावजूद इसके कुर्दिस्तान में पुलिस की सख्ती की खबरें बाहर आ रही हैं। सोमवार देर शाम ईरानी कुर्दिस्तान के महाबाद, दिवांदरे, साकेज, बुकान समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुई हैं। कुर्द बहुल शहरों में बाजार भी बंद रहे हैं।