बिलासपुर में एक आयुर्वेदिक डॉक्टर के उपचार से महिला की मौत हो गई। आरोप है कि डॉक्टर ऐलोपैथिक पद्धति से इलाज कर रहा था। जिसके चलते महिला की तबीयत बिगड़ने लगी और उसने दम तोड़ दिया।इसके बाद शव ऑटो में रखकर दूसरे अस्पताल ले जाने की बात कही। महिला की मौत का पता चलते ही परिजनों ने हंगामा कर दिया। फिलहाल जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी गठित की है।
जानकारी के मुताबिक, सिरगिट्टी क्षेत्र के मन्नाडोल निवासी 65 वर्षीय कालिंद्री बाई सूर्यवंशी की तबीयत रविवार को बिगड़ गई। उसे लगातार उल्टी, दस्त हो रहे थे। परिजन उसे सोमवार सुबह गंभीर हालत में तिफरा के काली मंदिर के पास स्थित संजीवनी क्लीनिक लेकर पहुंचे। यहां अस्पताल संचालक आयुर्वेदिक चिकित्सक नितिन वी योगी क्लीनिक में नहीं थे। नर्स व कंपाउंडर ने महिला का इलाज किया। फिर डाक्टर को इसकी जानकारी दी।
इंजेक्शन लगाते ही बीपी डाउन हुआ, मुंह से निकलने लगा झाग
कुछ देर बाद डॉक्टर नितिन भी क्लीनिक पहुंए गए। आरोप है कि डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन देने के साथ ही स्लाइन चढ़ाया। दोबारा जांच करने पर पता चला कि कालिंद्री का बीपी डाउन होने लगा है। देखते ही देखते उसके मुंह से झाग निकलने लगा और उसकी मौत हो गई। इस पर परिजनों से कहा गया कि महिला की हालत गंभीर है। उसे दूसरे अस्पताल ले जाओ, यहां सुविधा नहीं है।
महिला की मौत की जानकारी होने पर परिजनों ने मचाया हंगामा
डॉक्टर ने अपने स्टाफ से ऑटो बुलाकर कालिंद्री बाई के शव को रखवा दिया। वहीं महिला की मौत होने की भनक परिजनों को लग गई। उन्होंने महिला को दूसरे अस्पताल लेकर जाने के बजाए हंगामा मचाना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि इलाज में लापरवाही से महिला की मौत हुई है। अब मामले को दबाने के लिए उसे दूसरे अस्पताल भेजा जा रहा है। ।
चार सदस्यीय जांच टीम गठित
अस्पताल में हंगामा व महिला की मौत की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां पहुंच गई। परिजनों ने पुलिस से शिकायत की। वहीं, स्वास्थ्य विभाग को भी इस घटना की जानकारी दी गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए नर्सिंग होम एक्ट अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव के साथ चार सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो इसे पूरे मामले की जांच करेगी और आरोप सिद्ध होने पर संचालक डॉक्टर के खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
50 हजार देकर मामले को दबाने की कोशिश
कालिंद्री बाई की मौत के बाद परिजनों के हंगामा करते देख अस्पताल संचालक समझौता करने की कोशिश में जुट गए। इस दौरान उन्होंने महिला के परिजनों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की की बात भी कही। लेकिन, परिजन शांत नहीं हुए और पुलिस को बुलाया लिया। पुलिस ने जब जांच कराने का भरोसा दिलाया, तब जाकर मामला शांत हुआ।
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने कहा आरोप गलत
इधर, आयुर्वेदिक डॉक्टर नितिन वी योगी ने महिला के परिजनों के आरोप को गलत बताया। उनका कहना है कि महिला को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था। उसका ब्लड प्रेशर लो हो गया था। अस्पताल में सुविधा नहीं होने के कारण महिला को दूसरी जगह ले जाने के लिए कहा गया। अब उसकी मौत के बाद परिजन बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।