Acn18.com/बिलासपुर में एक किसान युवक ने अपनी पत्नी की गला घोंट कर हत्या कर दी। फिर उसने परिजन को गुमराह कर पत्नी की पेट दर्द से मौत होने की जानकारी दी। शव को जलाने के लिए श्मशान भी ले गया। जब मायकेवालों को बेटी की मौत की खबर मिली तो वे मौके पर पहुंच गए और शव को जलाने से रोक दिया और पुलिस बुला ली। शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद हत्या का मामला सामने आया, तब पुलिस ने आरोपी पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
तखतपुर क्षेत्र के साल्हेकापा में रहने वाला विरेंद्र निषाद (24) पत्नी कांति निषाद के साथ रहता था। बीते 25 जून की रात उसकी पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। दूसरे दिन सुबह उसने अपने परिजन और गांव वालों को बताया कि उसकी पत्नी की पेट दर्द से मौत हो गई है। उसने आनन-फानन में अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली और मायकेवालों को घटना की जानकारी नहीं दी। शव जलाने की तैयारी थी, तभी वहां मायकेवाले पहुंच गए और दाह संस्कार पर आपत्ति जताते हुए पुलिस को बुला ली।
मायकेवालों ने रोका अंतिम संस्कार, मौके पर पहुंची पुलिस
जब मायकेवालों को अपनी बेटी की मौत की खबर मिली, तब वे तत्काल गांव पहुंच गए। उन्होंने शमशान घाट पहुंचकर शव को जलाने से रोक दिया। उनका कहना था कि उन्हें मौत की जानकारी क्यों नहीं दी गई। जब परिजनों ने शव को देखा तब उसके गले में सर्कल के निशान थे। उन्होंने तत्काल पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। गांव पहुंची पुलिस ने पंचनामा के बाद शव का पोस्टमॉर्टम कराया। पीएम रिपोर्ट में सिर में चोट और गला दबाकर हत्या करने का मामला सामने आया।
पुलिस को गुमराह करता रहा आरोपी पति विरेंद्र को हिरासत में ले लिया था। पहले उसने बताया कि घटना की रात वह शराब पीकर घर पहुंचा। शराब पीने की वजह से पत्नी ने उसे साथ सोने से मना मना कर दी। इसके बाद वह सोफे पर सो गई। सुबह उसकी लाश फंदे पर लटकती मिली। लेकिन, जब पीएम रिपोर्ट आया, तब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ शुरू की।
शराब पीने से मना करने पर मार डाला
बाद में आरोपी विरेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह शराब पीने का आदी था। इसी बात को लेकर उसकी पत्नी से आए दिन झगड़ा होता था। 25 जून की रात भी वह नशे की हालत में घर पहुंचा था। रात में सोते समय पत्नी ने शराब पीकर आने की बात पर विवाद शुरू कर दी। विवाद इतना बढ़ा कि उसने बैठने वाले पीढ़े से उसके सिर में वार कर दिया, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसने दुपट्टे से गला दबाकर उसे मार दिया। फिर सुबह परिजन और गांव वालों को पेट दर्द से उसकी मौत होने की कहानी बताई। आरोपी के अपराध स्वीकार करने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
एक सप्ताह तक मामले को दबाए रही पुलिस, मायकेवालों ने लगाया आरोप
हत्या के इस केस में पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। मायकेवालों ने 26 जून को ही पुलिस को इस घटना की जानकारी दे दी थी और शव का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया था। इसके बाद से पुलिस जांच के बहाने मामले में लीपापोती करती रही। मायकेवालों का कहना है कि आरोपी को बचाने के लिए पुलिस षड्यंत्र कर रही थी। जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या होने की जानकारी आई, इसके बाद पुलिस हरकत में आई। फिर आनन-फानन में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप यह भी है कि हत्या के केस में पुलिस के पास न तो प्रत्यक्षदर्शी है और न ही कोई पुख्ता सबूत। यह सब पुलिस ने जानबूझकर किया है, ताकि आरोपी को कोर्ट से बचने का रास्ता मिले। हालांकि, पुलिस इस तरह के आरोपों से इनकार कर रही है।