ACN18.COM कोरबा/ बिलासपुर में सामने आए फूटपाइजनिंग की घटना के बाद कोरबा फूड विभाग के अधिकारी भी हरतकत में आ गए हैं। अफसरों की टीम में शहर विभिन्न क्षेत्रों में लगने वाली फास्ट फूड की दुकानो का निरिक्षण किया। खाद्य सामग्री की गुणवत्ता समेत सफाई व्यवस्था का जायजा लिया गया। इस दौरान कई दुकानों में प्रतिबंधित फूड कॅलर पाया गया। जिसे मौके पर ही डिस्ट्राॅय कर व्यवसायियों को चेतावनी दी गई है।
चाउमिंन, मोमोस, मंचूरियन, चिल्ली व अन्य अन्य फास्ट फूड का नाम सूनकर ही मुंह में पानी आ जाता है। ऐसे रंग बिरंगे और लजीज व्यंजनों को लोग खूब पसंद करते हैं। लोगो के टेस्ट के अनुसार व्यवसायी उन्हें खाद्य सामग्री परोसने में कोई कसर नहीं छोड़ते। फूड को और ज्यादा लजीज दिखाने के चक्क्र में व्यवसायी ऐसे कॅलर का इस्तेमाल करते है जिसका सेहर पर बेहद बूरा असर पड़ता है। फूड विभाग के निरीक्षण के दौरान सीतामढ़ी चौक पर लगने वाले दुकानों में प्रतिबंधित फूड कॅलर पाया गया। जिसे अधिकारियों ने मौके पर नष्ट कर दिया। इस बात को लेकर व्यवसायियों को चेतावनी भी दी गई है।
खाद्य विभाग के अधिकारी अचानक हरकत में नहीं हैं बल्कि बिलासपुर में सामने आए फूड पाइजनिंग की घटना के बाद अफसरों की नींद खुली है। फूड पाइजनिंग से दर्जनों लोगो तबियत बिगडने की खबर से विभाग में हड़कंप मच गया है। खादय अधिकारी अपनी टीम के साथ शहर में संचालित विभिन्न चैपाटियों में निरीक्षण के पहुंचे। पुराना बस स्टैंड, नया बस स्टैंड, सीतामढी और घंटाघर स्थित चैपाटी में दुकानों में परोसे जाने खाद्य सामग्री के साथ ही सफाई व्यवस्था का जायजा लिया गया। सफाई व्यवस्था को लेकर अफसरों ने संतुष्टि जाहिर की। इस दौरान कई छोटी बड़ी अनियमितता पाई जिसे दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
शहर के हर चौक चौराहों पर ठेले गुमटियां संचालित है। जहां विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की बिक्री होती है। मगर खाद्य सामग्री का सेहत पर क्या असर पड़ता है इसके मानकों की जांच करने वाला कोई नहीं है। नियमित जांच के अभाव में व्यवसायी मनमाने ढंग से फूड मानकों की अनदेखी कर दुकान संचालित करते हैं जिसके कारण गाहे बगाहे फूड पाइजनिंग की घटना सामने आती रहती है। जरूतर है विभाग के अधिकारी नियमित रूप से चैपाटियों का निरीक्षण करें ताकि लोगों को गुणवत्ता युक्त व्यंजन मिल सके।