acn18.com कोरबा/सभी तरह के प्रयास के बीच वन विभाग के अधिकारियों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि कोरबा जिले के दोनों वन मंडल में हाथी उत्पात की समस्या आखिर कब तक समाप्त होगी। विभिन्न क्षेत्रों में हाथी जान माल का नुकसान करने में लगे हुए हैं। इधर वन विभाग लोगों को समझाने में लगा हुआ है कि जहां पर हाथी हैं, वहां जाने से बचें।
कम से कम 2 दशक से हाथियों के उत्पात की समस्या को कोरबा जिला झेल रहा है। ऐसा कोई वन परीक्षेत्र नहीं बचा है जहां हाथियों ने अपनी हरकतों से लोगों के लिए परेशानी खड़ी ना की हो। उड़ीसा और झारखंड के रास्ते जंगली हाथियों का प्रवेश कोरबा जिले में हो रहा है और फिर इनकी हरकतें फिर चढ़कर बोल रही है। वर्तमान में करतला क्षेत्र में 38 हाथियों की उपस्थिति हैं जिनमें 8 शावक भी हैं।
समस्याग्रस्त क्षेत्रों में सुरक्षा के नाम पर कुछ तो काम किया जा रहा है। मैदानी अमले की ओर से मुनादी कराई जा रही है ताकि लोग सतर्क रहें। अब तक कि सूचनाओं में पता चला है कि 2 गांव में किसानों की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है। औपचारिक प्रक्रियाओं के साथ वन विभाग इन मामलों में मुआवजा देने की कार्रवाई करेगा।
हाथी मानव द्वंद को लेकर काफी समय से यहां वहां संगोष्ठी परिचर्चा से लेकर जागरूकता जैसे कार्यक्रम वन विभाग करता रहा है। हाथी विशेषज्ञों के साथ-साथ हाथी मित्र दल की भूमिका को भी रेखांकित करने की कोशिश की जाती रही है। इसके माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया की समस्या को नियंत्रित करने के लिए गंभीरता दिखाई जा रही है और ऐसे काम आगे भी जारी रहेंगे। लेकिन जिस गति से हाथियों का उत्पात चल रहा है और विभिन्न क्षेत्र में घटनाएं हो रही हैं उनसे लोग ना केवल डरे हुए हैं बल्कि उनकी नाराजगी भी बढ़ रही है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में वन विभाग की टीमों को कई मौकों पर लोगों के कड़े तेवर का सामना भी करना पड़ रहा है
2 गांव में किसानों की फसल को चौपट किया हाथियों ने ,आठ शावक सहित 38 हाथी सक्रिय हैं वनमंडल में pic.twitter.com/CKAkZgibJz
— acn18.com (@acn18news) December 15, 2022
सीएसईबी प्लांट से चोरी के मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार,अब तक 7 आरोपियों को पुलिस ने भेजा जेल