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विश्वभूषण हरिचंदन छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल:जेपी नड्‌डा के दौरे के तुरंत बाद केंद्र ने अनुसुईया उइके को मणिपुर भेजा

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acn18.com रायपुर/ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के छत्तीसगढ़ दौरे के एक दिन बाद ही यहां की राज्यपाल अनुसूईया उइके को हटा दिया गया है। उइके को मिजोरम की राज्यपाल बनाया गया है। वहीं आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे विश्वभूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है। हरिचंदन पड़ोसी राज्य ओडिशा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

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यह बदलाव महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के साथ शुरू हुए हैं। कोश्यारी ने कुछ दिन पहले इस्तीफा दिया था। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनको मुक्त कर दिया है। झारखंड के राज्यपाल रहे रमेश बैस को उनकी जगह महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम, सीपी राधाकृष्णन को झारखंड और आंध्र प्रदेश में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर को राज्यपाल बनाया गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया को असम और शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है।

कांग्रेस सरकार बनने के बाद बनी थीं राज्यपाल

कांग्रेस होकर भाजपा में आईं अनुसूईया उइके को सरकार ने 16 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्ति किया था। उन्होंने 17 जुलाई को कार्यभार ग्रहण कर लिया था। ठीक एक महीने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नई सरकार ने काम शुरू किया था। मुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कराया था। अब जब नवम्बर में विधानसभा का फिर से चुनाव होने जा रहा है, अनुसूईया उइके को यहां से हटाकर मिजोरम भेज दिया गया है।

सरकार के साथ लगातार टकराती रहीं हैं उइके

छत्तीसगढ़ में अनुसूईया उइके को सरकार से टकराने वाली राज्यपाल के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने सामान्य प्रशासनिक कामकाज में भी राजभवन की भूमिका का विस्तार कर दिया। सुपेबेड़ा के किडनी रोग प्रभावितों से मिलने जाकर उन्होंने सरकार को असहज किया। उसके बाद कुलपतियों की नियुक्ति में सरकार की सिफारिशों को नलरअंदाज कर नियुक्ति कर सीधा टकराव मोल लिया। सरकार ने कुलपति नियुक्ति का अधिकार बदलने का विधेयक पारित कर भेजा तो उसे रोक लिया। विवादित कृषि कानूनों का प्रभाव कम करने वाले विधेयकों को भी रोक कर रखा। आरक्षण विवाद तो हद से आगे बढ़ गया। राज्यपाल ने यह विधेयक रोक लिया तो सरकार राज्यपाल के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गई।

नये राज्यपाल को भी जान लीजिए

विश्वभूषण हरिचंदन को भी अनुसूईया उइके साथ ही ही जुलाई 2019 में आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाकर भेजा गया था। तीन अगस्त 1934 में पैदा हुए हरिचंदन अभी 89 साल के हैं। उन्होंने 1971 में भारतीय जनसंघ जॉइन किया था। जनता पार्टी के गठन तक वे जनसंघ से ओडिशा के महामंत्री थे। 1980 में भाजपा के गठन के बाद उन्हें ओडिशा यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया है। वे 1988 तक वे भाजपा के अध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्होंने बीजू जनता दल जॉइन कर लिया। 1996 में वे फिर भाजपा में लौटे। हरिचंदन पांच बार विधायक रहे हैं। पहली बार जनता लहर में 1977 में चिल्का सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने भुवनेश्वर सेंट्रल सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहे। हरिचंदन ने ओडिशा के पाइका विद्रोह सहित कई पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं।

राष्ट्रपति ने बदले 13 राज्यों के राज्यपाल, महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशियारी का इस्तीफा हुआ मंजूर

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