acn18.com कुसमुंडा/ एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में होने वाली ब्लास्टिंग के कारण खदान से लगे गांव में रहने वाले लोगों की परेशानियां समाप्त होने का नाम नहीं ले रही। हैवी ब्लास्टिंग से प्रभावित ग्रामीण विस्थापन की मांग को लेकर खदान के भीतर प्रदर्शन कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ बरपाली ग्राम में एक ग्रामीण के घर का छप्पर भरभराकर नीचे गिर गया। गनिमत रही,कि छत गिरने से पहले पूरा परिवार घर से बाहर आ गया था नहीं तो बड़ी घटना के घटने से इंकार नहीं किया जा सकता था।
एसईसीएल की कुसमुंडा खदान से लगे गांव में रहने वाले ग्रामीण अब सुरक्षित नहीं है। कोयला उत्पादन के लिए खदान में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग के कारण लोगों के आवास प्रभावित हो रहे हैं,जिससे ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ते दिखाई दे रही है। खदान से सटे ग्राम बरपाली में ऐसी की एक घटना सामने जाई जहां देखते ही देखते हरि दास नामक ग्रामीण के मकान का छप्पर भरभराकर नीचे गिर गया। इस घटना की आहट परिवार वालों को पहले ही हो गई लिहाजा उन्होंने घर से बाहर निकलकर जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। हरि दास की पत्नी ने बताया,कि वे अपने बच्चों को लेकर दोपहर के वक्त घर पर सो रही तभी पड़ोसी ने उन्हें जगाया जिसके बाद वे कमरे से बाहर निकली जिसके बाद घर की छत गिर गई। कहा जा रहा है,कि खदान में ब्लास्टिंग होने के कारण यह सब कुछ हुआ है।
हरि दास के पड़ोस में रहने वाले एक और ग्रामीण का मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। मेदनी बाइ नामक महिला ने बताया,कि उसके घर की दीवारें दरक गई है और घर की शीट भी टूट रही है। बरपाली की तरह कुसमुंडा खदान से लगे पाली पड़निया,जटराज गांव का भी यही हाल है जहां ग्रामीणों के घर ब्लास्टिंग के कारण प्रभावित हो रहे है। समय रहते अगर इनका विस्थापन नहीं किया गया तो बड़ा हादसा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
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