acn18.com कोरबा/एसईसीएल की कुसमुंडा खदान से प्रभावित ग्राम पाली पड़निया के ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है। प्रबंधन ने पहले ही गांव का अधिग्रहण कर लिया है लेकिन नौकरी और मुआवजा को लेकर ग्रामीणों के साथ सहमति नहीं बन पानें के कारण प्रबंधन गांव के नजदीक ही ब्लास्टिंग कर रहा है जिससे लोगों के घर प्रभावित हो रहे हैं वहीं धमाकों से उड़ने वाले पत्थर के कारण लोग घायल भी हो रहे है। यही वजह है,कि परेशान ग्रामीण अपनी समस्या लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे।
कोरबा का एसईसीएल प्रबंधन अब मनमानी पर उतारु हो गया है। मुआवजा और नौकरी को लेकर सहमति नहीं बन पाने के बाद भी प्रबंधन ग्रामीणों को जबरन उनकी जमीन से बेदखल कराने गांव के आस-पास हैवी ब्लास्टिंग कर रहा है जिससे ग्रामीण काफी डरे हुए है। कलेक्टर जनदर्शन में ग्राम पाली पड़निया के ग्रामीण पहुंचे जहां उन्होंने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा,कि प्रबंधन ने उनकी जमीन वर्ष 2008-09 में ही अधिग्रहित कर ली थी। उस समय प्रबंधन के जमीन को आवश्यकता नहीं थी लेकिन अब उत्पादन बढ़ाने का दबाव होने के कारण उन्हें हर हाल में जमीन चाहिए यही वजह है,कि वे पुराने दर पर मुआवजा का भुगतान और अपनी शर्तों पर नौकरी देना चाहता है,जो ग्रामीणों को मंजूर नहीं है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट रुप से कह दिया है,कि भले ही वे अपनी जान दे देंगे लेकिन एसईसीएल की मनमानी नहीं सहेंगे। प्रबंधन जब तक उनके अनुरुप मुआवजा का भुगतान व नौकरी नहीं देता तब तक वे अपनी जमीन छोड़कर नहीं जाएंगे फिर इसके लिए चाहे प्रबंधन को चाहे जबरदस्ती ही क्यों न करना पड़े।