Acn18.com/छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले की पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा है। 5 सितंबर को ताड़मेटला में हुए एनकाउंटर को गांव के लोगों समेत पूर्व MLA मनीष कुंजाम ने फर्जी बताया है। अब सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया भी ग्रामीणों के समर्थन में उतर गईं हैं। बताया जा रहा है कि, आज वे गांव वालों से मिलने जा रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया है। जिसके बाद वे अपने कुछ साथियों के साथ सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं हैं।
बेला भाटिया ने एक वीडियो जारी कर कहा मैं जगरगुंडा के रास्ते ताड़मेटला जा रही थी। पुलिस ने जगरगुंडा में घुसने नहीं दिया। पहले ही रोक दिया गया है। जब इस संबंध में सुकमा SP से बात की तो उन्होंने सुरक्षा का हवाला दिया और कहा कि आगे रास्ते में IED प्लांट है। टीम निकली हुई है। ROP लगेगी उसके बाद ही जाने दिया जाएगा। बेला भाटिया ने कहा कि मैं वकील भी हूं। मेरे अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
आरोप- जबरदस्ती जलाया शव
बेला भाटिया का आरोप है पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर किया है। गांव के 2 ग्रामीण जो अपने किसी रिश्तेदार के यहां गए थे, लौटते समय 4 सितंबर को उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। उनकी बाइक को भी कहीं छिपा दिए। जिसके बाद 5 सितंबर को उन्हें गोली मार दी। जिसके बाद उनके शवों का भी जबरदस्ती अंतिम संस्कार कर दिया है। बेला भाटिया ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे मिली थी। इसलिए मैं भी गांव वालों से बातचीत करने और थाने में शिकायत करने गांव जा रही थी। लेकिन, पुलिस ने मुझे रोक दिया है।
एक वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ग्रामीणों की भीड़ और चिता जलती दिख रही है। वीडियो गांव के ही किसी ग्रामीण ने बनाया है। वीडियो में दावा किया गया है कि जो चिता जल रही है वह उन दो युवकों की है जिसे पुलिस ने नक्सली बताकर मारा था। जहां चिता जल रही वहां पुलिस जवानों के मौजूद होने का दावा भी वीडियो में किया जा रहा है।
सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा से पूर्व MLA मनीष कुंजाम ने भी पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है। एक दिन पहले उन्होंने भी बयान जारी किया था। मनीष ने कहा था कि, पुलिस ने जिन दो लोगों को नक्सली बताकर मारा है वे लोग ग्रामीण थे। उनके पास आधार कार्ड भी है। बाजार में दुकान लगाते थे। दोनों मृतक ग्रामीण थे। पुलिस ने उन्हें गांव से उठाकर ले गई और जंगल में लेजाकर गोली मार दी।
IG सुंदरराज पी ने कहा कि 5 सितंबर को सुकमा जिले के ताड़मेटला के जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें जवानों ने दो नक्सलियों को मार गिराया था। उनकी पहचान मिलिशिया कैडर रवा देवा एवं सोढ़ी कोसा के रूप में हुई थी। इन दोनों के ऊपर एक-एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित था। ये दोनों नक्सली ताड़मेटला पंचायत के उप सरपंच माड़वी गंगा, शिक्षादूत कवासी सुक्का और गांव पालीगुड़ा में अपने परिजनों से मिलकर वापस आ रहे मजदूर कोरसा कोसा की हत्या में शामिल थे।