Acn18.com/लघु वनोपज के उत्पादन पर ध्यान देने के साथ संबंधित वर्ग अच्छा खासा लाभ प्राप्त कर सकता है। लगातार इस प्रकार के उदाहरण सामने आ रहे हैं। प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व देने वाले कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव को लेकर काम करने वाला बंद अब लाख उत्पादन करने में जुटा हुआ है। इस काम को करने से लोग आसानी से लखपति बन रहे है।
लाख आधारित कुटीर उद्योग बहुत से है लेकिन लाख से चूड़ी बनाना, चूड़ियाँ बनाना, मोहर लगाने की लाख यानी सीलिंग वैक्स तथा लकड़ी व मिट्टी के बर्तनों पर लेप के लिए वार्निश बनाना इत्यादि ऐसे उद्योग हैं जिन्हें महिलाएँ कुशलतापूर्वक कम पूँजी से ही चला सकती हैं। लाख के ऐसे ही लाभ को देखते हुए कोरबा जिले के मात्मार, केरकछर, रजगामार सहित कई गांव में लोग लाख उत्पादन करने में आगे आये है। acn से हुई बातचीत में उन्होने बताया कि लाख उत्पादन से काफी फायदे हो रहे है।
बताया कि वर्तमान में बाजार में लाख का प्रति किलोग्राम मूल्य एक हजार रुपए के आसपास है। एक पेड़ पर लाख के बीज को लगाने से इतना उत्पादन होता है की उनसे लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं।
लाख का उपयोग आमतौर पर प्रिंटर में इस्तेमाल होने वाली स्याही बनाने में किया जाता है। लाख का उपयोग अधिकतर रोधक सामग्री के रूप में किया जाता है। नोट: लाख प्राप्त किया जाता है और आमतौर पर भारतीय लाख कीट लेसिफर से निकाला जाता है। कोरबा जिले में किया जा रहा लाख उत्पादन बताना है कि लोगों को समय के साथ अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की बहुत चिंता है।