बीजापुर जिले के नक्सल इलाके में तैनात CRPF के जवान महिला और उसके नवजात बच्चे के लिए देवदूत बन गए। जवानों ने समय से पहले जन्मे बच्चे और उसकी मां को ड्रम और प्लाई के सहारे उफनती नदी पार करवाई, फिर दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया। समय रहते इलाज मिलने से जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
मामला जिले के उसूर ब्लॉक के नंबी गांव का है। इस गांव की माड़वी जागी प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। धीरे-धीरे दर्द बढ़ता जा रहा था। मुश्किल ये थी कि अस्पताल कैसे ले जाया जाए। क्योंकि बारिश की वजह से नदी उफान पर थी। इसी बीच माड़वी की समय से पहले ही डिलीवरी हो गई।
बच्चे को जन्म देने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। नदी उफान पर थी, इसलिए परिजन अस्पताल नहीं ले जा पा रहे थे।
जानकारी मिली तो जवान पहुंचे
इस बात की खबर CRPF-196 और कोबरा बटालियन के जवानों को मिली। जिसके बाद जवानों ने महिला का रेस्क्यू करने का प्लान किया। उन्होंने नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रस्सी बांधी। फिर प्लास्टिक के 2 ड्रम के ऊपर प्लाई को बांधकर जुगाड़ की नाव तैयार की।
मां और नवजात बच्चे को अस्पताल में कराया भर्ती
जवानों ने मां और नवजात समेत परिवार के एक सदस्य को जुगाड़ की नाव पर बिठाया और उफनती नदी पार कराई। इसके बाद महिला और उसके नवजात बच्चे को उसूर के अस्पताल भिजवाया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
पहले खुद ट्रायल किया, फिर मां-नवजात को बिठाया
जवानों ने ड्रम और प्लाई की अस्थाई नाव का सबसे पहले खुद ट्रायल किया। जब कामयाब हुए तो फिर मां, बच्चे को उसके जरिए नदी पार करवाई। दरअसल, बीजापुर जिले में झमाझम बारिश की वजह से नदी-नाले उफान पर हैं। नंबी गांव की नदी के उफान पर आने से इलाका ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।