Acn18.com/कोरबा, एक तरह से जिले की सड़कें जाम मैं उलझ कर रह गई हैं और जनता मजबूर है कराहने के लिए। आम हो या खास, हर कोई परेशान। कुसमुंडा- इमलीछापर मार्ग पर लगे वाहनों के जाम ने एक गर्भवती महिला और परिजनों की सांस ही अटका दी। ऐनवक्त पर कुछ युवकों की संवेदनशीलता काम आई जिन्होंने मौके पर अपनी भूमिका निभाते हुए कुछ वाहनों को रुकवाया। उन्होंने उस वाहन को आगे निकलने का रास्ता आसान किया, जिसमें गर्भवती महिला को ले जाया जा रहा था।
कोरबा जिले की विभिन्न सड़कों पर जाम लगने और लोगों को परेशान होते देखने वाली तस्वीरें आए दिन सामने आ रही हैं। कोयलांचल को जाने वाली सड़कों पर विचित्र हालात बने हुए हैं जो लोगों को टेंशन में डाल रहे हैं। शनिवार को कोरबा कुसमुंडा मार्ग पर एक बार फिर कई किलोमीटर लंबे जाम लगने और इसमें लोगों के फसने के दौरान कई प्रकार की चीजें सामने आई। देखने को मिला कि एक गर्भवती महिला को लेकर उसके परिजन अस्पताल ले जा रहे थे। वाहन में सवार महिला दर्द के मारे बुरी तरह से कराह रही थी। ऐसे में आगे पीछे वाहनों की लाइन लगे होने से संबंधित लोग आगे नहीं बढ़ पा रहे थे और समस्या बढ़ती जा रही थी। इस परेशानी को क्षेत्र के समाजसेवी युवक मनीष कुमार और उनके सहयोगियों ने समझा और तत्काल सार्थक समाधान करने की कोशिश की। उन्होंने मोर्चा संभालते हुए अन्य लोगों को समझाया और उस वाहन को आगे बढ़ाने में सफलता प्राप्त की जो महिला को लेकर जा रहा था। मौके से निकलने के साथ गर्भवती महिला और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली और ईश्वर का धन्यवाद ज्ञापित किया।
याद रहे लंबे समय से कोरबा क्षेत्र में अलग-अलग सड़कों पर वाहनों के जाम लगने की समस्या बनी हुई है। समस्या से जूझने वालों में हर कोई शामिल है। उनकी समस्या एक जैसी है। ना कोई छोटा ना कोई बड़ा। ऊंच नीच का भी कोई फ़ासला नहीं। जाम में फसने के बाद सब बराबर। सभी को नाराज होने, गुस्सा करने, व्यवस्था को कोसने का भरपूर मौका। इस बीच कोई विकल्प नही। यह मसला किसी एक दिन का नहीं बल्कि लगभग हर दिन का ही बन गया है। इन कारणों से स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ,सरकारी और गैर सरकारी संस्था में काम करने वाले लोग, सामान्य कामकाज से जुड़ कर अपनी जीविका चलाने वाला वर्ग ऐसे रास्तों पर जाने के दौरान जब फ़सता है तो फिर उसे पता नहीं चलता कि यहां पर कितने घंटे ऐसे ही व्यतीत हो जाएंगे। कुल मिलाकर हर कोई परेशान है इस जाम की समस्या से। लोगों को पूरी उम्मीद बनी हुई है कि जिले का संचालन करने वाला प्रशासन काफी शक्तिशाली माना जाता है। ऐसे में लोगों की उम्मीद प्रशासन से लगातार बढ़ती जा रही है कि वह अपने स्तर पर ऐसा कुछ काम करें जिससे कि जाम की समस्या से समाधान का रास्ता निकल कर सामने आए।