Acn18.com/प्रदेश के सबसे बड़े जू मैत्री बाग (Maitri Bagh Zoo) में सफेद बाघों का कुनबा बढ़कर 9 हो गया है। डेढ़ माह पहले ही यहां रक्षा नाम की बाघिन ने तीन नन्हें शावकों को जन्म दिया था। तीनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं। दैनिक भास्कर इन शावकों की पहली झलक आपको दिखा रहा है।
मैत्रीबाग प्रबंधन और बीएसपी हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट के डीजीएम डॉ. एनके जैन ने बताया कि तीनों शावकों के पिता का नाम सुलतान है। मैत्री बाग जू व्हाइट टाइगर के प्रजनन के लिए अच्छा है। यहां इनका कुनबा बढ़ रहा है। एक साल पहले भी सुलतान और रोमा के जरिए भी एक नन्हें शावक को जन्म दिया गया था। जू के सुपरवाइजर आरिफ शेख ने बताया कि प्रबंधन अपनी देखरेख में चार महीने तक इन तीनों शावकों को मां के साथ ही रखेगा।
डाक्टरों की पूरी टीम इन शावकों की विशेष देख-रेख और निगरानी करेगी। उनका कहना है कि स्तनपान और अन्य कारणों से इन शावकों को डार्क रूम में रखा जाता है। मैत्री बाग में जन्मे नन्हें शावकों को भी डॉक्टर द्वारा अपनी निगरानी में रखा गया है। उन्हें मेडिसिन के रूप में विशेष प्रकार की विटामिन युक्त दवाइयां दी जा रही हैं। इससे वे हष्ट-पुष्ट और सेहतमंद बनेंगे।
डॉ. जैन ने बताया कि ढाई माह बाद जब ये तीनों शावक 4 महीने के हो जाएंगे तो इन्हें केज से बाहर लाया जाएगा। इसके बाद से इन शावकों को पर्यटकों के देखने के लिए रखा जायेगा। पहले से मौजूद 6 बाघों और 3 नए नन्हें शावकों को मिलाकर मैत्री बाग चिड़ियाघर में व् की कुल संख्या बढ़कर 9 हो गई है। इससे मैत्रीबाग जू में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी।
मैत्री बाग जू में साल 1997 में सफ़ेद बाघ का एक जोड़ा नंदन कानन चिड़िया घर भुवनेश्वर से लाया गया था। यहां अनुकूल वातावरण और बेहतर रख रखाव के कारण सफ़ेद शेरों की वंश वृद्धि लागातार होती गई। मैत्री बाग में 12 से भी अधिक सफ़ेद शेरों का जन्म हो चुका है। इनकी प्रजनन क्षमता और वंश वृद्धि के चलते पूरे देश में मैत्रीबाग के सफ़ेद बाघों की बेहद मांग है। प्रबंधन ने सेंट्रल जू ऑथोरिटी के नियमानुसार देश के 5 से भी अधिक चिड़ियाघरों के साथ एक्सेंज किया है।