छह पहियों और 26 किलो वाले प्रज्ञान रोवर का वीडियो इसरो ने शुक्रवार को शेयर किया। इसने गुरुवार को चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू किया है। चंद्रयान-3 के लैंडर की लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह ISRO ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की।
चांद की सतह पर आते ही रोवर ने सबसे पहले अपने सोलर पैनल खोले। ये 1 सेमी/सेकेंड की गति से चलता है और अपने आस-पास की चीजों को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। रोवर 12 दिनों में करीब आधा किमी का सफर तय करेगा। इसमें दो पेलोड लगे हैं जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज में मदद करेंगे।
इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीरें शेयर की थी। इसरो ने शुक्रवार को अपने X हैंडल पर इसकी एक फोटो शेयर की, लेकिन बाद में डिलीट कर दी। इसमें विक्रम लैंडर चांद की सतह पर दिख रहा है।
इन तस्वीरों को ऑर्बिटर पर लगे हाई-रिजॉल्यूशन कैमरा (OHRC) से लिया गया है। ये चंद्रमा की ऑर्बिट में वर्तमान में मौजूद सबसे अच्छे रिजॉल्यूशन वाला कैमरा है। नासा का ऑर्बिटर भी चांद की कक्षा में है, उसका कैमरा भी इतना पावरफुल नहीं है।
गुरुवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने लैंडिंग का वीडियो भी शेयर किया था। इस वीडियो में चांद की सतह पर शुरुआत में लहरों जैसा नजारा दिखा, पास पहुंचते ही वहां काफी सारे बड़े और छोटे गड्ढे नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बेंगलुरु में ISRO के हेडक्वार्टर पहुंचेंगे। वहां वो वैज्ञानिकों से मिलकर उन्हें चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की बधाई देंगे। चंद्रयान-3 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया था। इसे चांद की सतह पर लैंड करने में 41 दिन लगे। लैंडर बुधवार शाम 6:04 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था।