एक युवा एसईसीएल कर्मी की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है। परिजन मौत से अत्यंत दुखी हैं वह चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें मिल जाए ताकि वह अंतिम संस्कार कर सकें ।लेकिन मेडिकल कॉलेज कोरबा के चिकित्सकों के पास इतना समय नहीं है कि वह परिजनों का दुख हल्का कर सके.
हम कोरबा वासियों को बड़ी मसर्रत हुई थी जब जिला चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिला था।100 से अधिक चिकित्सकों की यहां नियुक्ति हो गई अस्पताल में मरीज कम चिकित्सक ज्यादा दिखाई देने लगे तो लगने लगा कि अब लोगों की दुश्वारियां दूर हो जाएगी। अस्पताल से संबंधित चाहे इलाज हो अथवा अन्य काम सब फटाफट हो जाएंगे लेकिन आप मुगालते में मत रहिएगा ऐसा नहीं है। यहां पदस्थ लोग कितने लापरवाह हैं इसका खुलासा कई बार हो चुका है लेकिन आज तो हद ही हो गई। 28 वर्षीय एसईसीएल कुसमुंडा कर्मी दीपक यादवकी कल रात सड़क दुर्घटना में मौत हो गई परिवार गम के समंदर में डूब गया। रोता बिलखता परिवार रात भर प्रतीक्षा के बाद सुबह पोस्टमार्टम करवा कर लाश को उनके हवाले करने की गुजारिश अस्पताल प्रबंधन से करता रहा लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। 14 घंटे से अधिक समय बीत चुका है मृतक दीपक यादव के परिजनों और शुभचिंतकों को प्रतीक्षा है कि कोई आए चीर फाड़ के औपचारिकता पूरी करें और मिट्टी हो चुकी लाश को उनके हवाले कर दे ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके.