Acn18.com कोरबा/ दर्री जोन के अयोध्यापुरी में नगर पालिक निगम के द्वारा बनाई जा रही डब्लूएमएम सड़क को लेकर नागरिकों ने जमकर हो हल्ला किया। उन्होंने इसकी क्वालिटी पर सवाल खड़े किए और पूछा कि आखिर इसके टिकाऊ होने की गारंटी क्या है। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि भी लोगों के निशाने पर रहे। उधर नगर निगम के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि इंजीनियर की देखरेख में कार्य कराया जा रहा है। अगर लोगों को आपत्ति है तो काम को नहीं कराया जाएगा।
नगर पालिका निगम कोरबा के द्वारा विभिन्न वार्डों में खस्ता हाल सड़कों को सुधारने के लिए अब वेट मिक्स मेकडम डीएम पैटर्न से काम कराया जा रहा है। परंपरागत तरीके से बनने वाली डामर की सड़कों के जैसे ही इस पद्धति से काम किया जा रहा है लेकिन इसका तरीका थोड़ा अलग है। नगर निगम कोरबा के दर्री जोन के अंतर्गत अयोध्यापुरी क्षेत्र में सड़कों के विकास के लिए डब्लूएमएम टेक्निक को शामिल किया गया है। निगम के द्वारा जारी निविदा के अंतर्गत इसी आधार पर ठेकेदार को काम करना है। कटघोरा की पार्टी इस काम को अंजाम दे रही है। अयोध्यापुरी में सड़क निर्माण को लेकर यहां के लोग इस बात को लेकर नाराज हो गए की घटिया तरीके से यह काम कराया जा रहा है। इसे लेकर काफी देर तक यहां हो हल्ला जारी रहा। इस दौरान एक जनप्रतिनिधि से भी किचकिच हुई। सड़क निर्माण को लेकर जो लोग एतराज जाता रहे थे उनके अपने तर्क थे। उन्होंने अपनी तरफ से आशंका जताई कि अगली बारिश तक सड़क नहीं टिकेगा और नाली का काम नहीं होने से वहां का पानी भी सड़क पर आएगा इससे दिक्कतें होंगी। सड़क निर्माण से संबंधित कामकाज देखने वाले काम कार्यपालक अभियंता mn सरकार से ग्रैंड न्यूज़ ने बातचीत की और इस मसले पर जाना की वस्तु स्थिति क्या है। सरकार ने बताया कि इंजीनियर की देखरेख में नगर निगम सड़क निर्माण का काम कर रहा है। पूरी गुणवत्ता के साथ यह काम कराया जा रहा है। निर्माण के अपने पैरामीटर है। किसी प्रकार की शिकायत या समस्या होने पर सड़क का सुधार करने के लिए 10% अमानत राशि हमारे पास जमा है।
एमएन सरकार, कार्यपालन अभियंता नगर निगम यहां बताना उचित होगा कि देशभर में नवीन तकनीक को अपनाने के साथ सड़क निर्माण का काम करवाया जा रहा है। इसकी अपनी सहूलियत है और सुविधा भी। इस प्रणाली के अंतर्गत निचली सतह पर मोटी गिट्टी बिछाने के बाद पानी डालकर रोलर चलाया जाता है। अगली प्रक्रिया में सम्बंधित निर्माण सामग्री का मिश्रण निश्चित तापमान के साथ डाला जाता है । अंत मे इसे फाइनल टच दिया जाता है। याद रहे, ना केवल नगर निगम बल्कि सभी तरह के निर्माण कार्य के मामलों में सरकारी विभाग ठेकेदार को किये जाने वाले भुगतान में से 10 प्रतिशत की राशि रोकी जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि निश्चित समय अवधि के दौरान अगर निर्माण में किसी प्रकार की शिकायत हो तो उसका संधारण इसी धनराशि से किया जा सके