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UP: पिता-भाई की मौत के डेढ़ माह बाद खाया जहर, बेटे का शव देख मां को आया हार्ट अटैक और फिर…

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Acn18.com/लखनऊ के अलीगंज के मौसमबाग इलाके में सोमवार सुबह 25 वर्षीय युवक ने घर के भीतर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी। उसकी मौत से मां को सदमा लगा और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। 46 दिन पहले महिला के छोटे बेटे की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।

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इससे दुखी होकर उनके पति ने उसी दिन जान दे दी थी। डेढ़ महीने में तीन सदस्यों की मौत से लगभग पूरा परिवार खत्म हो गया है। पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने शव परिवारीजन को सौंप दिया।

मूल रूप से सीतापुर के कमलापुर निवासी सूरज प्रताप सिंह पत्नी रूबी व दो बेटों श्रीकांत सिंह और कृष्णकांत सिंह के साथ लखनऊ के मौसमबाग में रहते थे। 31 मार्च को कृष्णकांत (18) को हार्ट अटैक पड़ा। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इससे दुखी सूरज प्रताप सिंह ने घर पहुंचते ही लाइसेंसी राइफल से खुद को गोली मार ली थी।

इसके बाद बड़ा बेटा श्रीकांत मां के साथ घर में रहता था। अलीगंज इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने बताया कि सोमवार सुबह श्रीकांत कमरे में बेड पर और रूबी जमीन पर बेसुध मिलीं। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने श्रीकांत को मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि श्रीकांत ने जहरीला पदार्थ खाया था। इससे ही उसकी जान गई। फिलहाल डॉक्टर ने विसरा सुरक्षित किया है।

दरवाजा न खुलने पर हुई थी अनहोनी की आशंका
पुलिस के मुताबिक घर में काम करने वाली नौकरानी सुबह पहुंची। काफी देर तक खटखटाने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो वह रूबी के रिश्तेदार को बुलाकर लाई। उन्होंने किसी तरह दरवाजा खोला और फिर दोनों को अस्पताल पहुंचाया। श्रीकांत की मौत होने के बाद पुलिस को सूचना दी गई।
स्वस्थ होने पर लिए जाएंगे रूबी के बयान
कृष्णकांत को अटैक पड़ना, उसी दिन सूरज प्रताप सिंह का खुदकुशी करना और अब श्रीकांत की मौत व उनकी मां रूबी को अटैक आना परिवारीजन के लिए स्तब्ध करने वाला है। डेढ़ महीने में परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई है। एसीपी अलीगंज आशुतोष कुमार ने बताया कि किसी तरह की कोई आशंका नहीं है। श्रीकांत का मामला खुदकुशी का है।
महिला को अटैक पड़ा है। निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। अब उनकी हालत बेहतर है। स्वस्थ होने पर उनके बयान लिए जाएंगे, जिससे घटना और स्पष्ट हो जाएगी। उधर, रूबी के रिश्तेदारों ने बताया कि सूरज प्रताप सिंह की गांव में करोड़ों की जमीन जायदाद है। इससे ही उन्होंने लखनऊ में घर बनाया था। वह बड़े किसान थे। खेती से ही पूरा खर्च चलता था।
बेटे और पोतों की मौत ने नागेंद्र को तोड़ दिया
डेढ़ महीने पहले इकलौते बेटे सूरज प्रताप सिंह, छोटे पोते कृष्णकांत की मौत… और अब बड़े पोते श्रीकांत के खुदकुशी कर लेने से नागेंद्र पूरी तरह टूट गए हैं। गुलाला घाट पर श्रीकांत के अंतिम संस्कार के बाद वह वहीं पर काफी देर तक चुप ही बैठे रहे। बीच-बीच में मिडलैड अस्पताल में भर्ती बहू रूबी का हाल-चाल ले रहे थे। घाट से निकलकर अस्पताल गए। शाम को नागेंद्र और रूबी के कई रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए थे। मोहल्ले में भी परिवार की ही चर्चा हो रही थी। इस पर परिवार में लगातार हो रही मौतों का दर्द लोगों की बातचीत में साफ दिख रहा था।
तीन साल पहले छूटी थी श्रीकांत की नौकरी
पड़ोसियों के मुताबिक, श्रीकांत ने बीटेक किया था। वह बाहर नौकरी करता था। तीन साल पहले नौकरी छूटने के बाद वह घर पर ही रहने लगा। श्रीकांत कम बोलता था। छोटे भाई व पिता की मौत से काफी दुखी रहने लगा था। नागेंद्र ने पुलिस को बताया कि सुबह श्रीकांत सुबह देर तक नहीं उठा तो रूबी उसे जगाने गई। काफी आवाज पर भी कोई हरकत नहीं हुई तो डॉक्टर को बुलाया गया। श्रीकांत के जहरीला पदार्थ खाकर जान देने का पता लगने पर उसे दिल का दौरा पड़ गया।
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