ओ स्त्री कल आना…फिल्म ‘स्त्री’ की ये लाइन तो आपको याद ही होगी। ये लाइन उन घरों की दीवारों पर लिखी गई थी, जिन्हें इस बात का डर सताता है कि रात में ‘स्त्री का भूत’ उन्हें उठा ले जाएगा। घर के बाहर लिखी ये लाइन पढ़कर ‘स्त्री’ घर के भीतर नहीं आएगी।
फिल्म में रात के अंधेरे में एक स्त्री के डर से सन्नाटा पसर जाता था और लोग घरों में कैद हो जाते थे। ये तो हुई रील की बात, लेकिन रियल लाइफ में भी छत्तीसगढ़ के पाटन में मोहदा गांव के लोगों ने अपने घरों के बाहर भूत-प्रेतों से बचने के लिए कुछ इसी तरह के टोटके किए हैं।
ये जानने जब हम मोहदा गांव पहुंचे तो यहां हर घर में गोबर से बनी एक आकृति दिखाई दी। सावन के महीने में गांव के लोग अपने घरों के बाहर गोबर से एक खास तस्वीर बनाते हैं, जिसे सावन पुतली कहा जाता है। दरअसल, छत्तीसगढ अंचल में सावन माह को तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के साथ जोड़कर देखा जाता है। इसलिए भूत-प्रेतों से बचने के लिए ही इस तरह के टोटके होते हैं।