acn18.com कोरबा / सिर्फ 7 महीने के ही समय में जन्म लिए दो जुड़वा बच्चों के मामले में कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन पैदा हो गए। एक तो उनका वजन कम था और सभी अंग विकसित नहीं हुए थे। इस मामले को गंभीरता से लेने के साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एसएनसीयू इकाई में विशेष चिकित्सा दी गई और बच्चों को बेहतर स्थिति में कर लिया गया।
कोरबा जिले के ढोंढातराई तूमान गांव की निवासी सहोदरा का समय पूर्व प्रसंव पिछले दिनों हुआ था। 7 महीने में प्रसव होने पर उसे जुड़वा बच्चे हुए। प्रसूता के पति शिव कुमार ने बताया कि नवजात के सामने कई प्रकार की दिक्कत थी। ऐसे में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का सहारा लिया गया। अब बच्चे अच्छी स्थिति में है।नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हेमा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की महिला सहोदर का प्रसव 9 महीने के बजाय 7 महीने में हो गया था। उसने एक लड़की और एक लड़के को जन्म दिया। समय पूर्व प्रसव के कारण उनके अंगों का पूर्ण विकास नहीं हो सका था। इसलिए बच्चों को एसएनसीयू यूनिट में रखा गया। हेमा ने बताया कि इस स्थिति में बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। जबकि दिल दिमाग और फेफड़ों के नहीं बनने के कारण कई खतरे भी होते हैं।
इस स्थिति में अस्पताल की ओर से सभी आवश्यक दवाएं बच्चों को उपलब्ध कराई गई। इसके प्रभाव से उनका वजन 1 किलो से अधिक हो गया है और सभी चीज अब अनुकूल हैं। बताया गया कि सभी प्रकार के खर्चे अस्पताल प्रबंधन की ओर से वहन किए गए हैं पहले भी इस प्रकार के मामले यहां आ चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में कोरबा क्षेत्र को सुविधा देने के लिए मेडिकल कॉलेज की सौगात दी गई। यहां पर पर्याप्त डॉक्टर और संसाधन दिए जाने से कोरबा के साथ-साथ आसपास के कई जिलों के लोगों को लाभ मिल रहा है