देश में सबसे कम बेरोजगारी की दर छत्तीसगढ़ में होने के दावे के बीच ढाई सौ से ज्यादा बेरोजगारों के साथ ठगी हो गई। कोरबा की मानिकपुर पुलिस ने दिनेश दास और सतीश श्रीवास् की शिकायत पर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। एसईसीएल में नौकरी लगवाने के बहाने उसने इन लोगों से रुपए लिए और फर्जी परिचय पत्र थमा दिए। पुलिस ने आरोपी के कार्यालय को सील कर दिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
1 महाराष्ट्र के नागपुर का रहने वाला प्रमोद रावत काफी समय से कोरबा में रहते हुए एमएसके कंपनी का प्रचार कर रहा था और बेरोजगारी दूर करने का फार्मूला बांट रहा था। काफी समय में उसने पब्लिसिटी स्टंट के जरिए बहुत सारे लोगों को जाल में फंसाया। एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे इस तरह से को लोगों तक यह संदेश गया और लोगों ने रोजगार पाने के लिए वह तरीका अपनाया जिसे शॉर्टकट कहा जाता है। लोगों ने इसके बदले रावत को छोटी और बड़ी राशि उपलब्ध कराई। काफी समय के बाद लोगों को ठगे जाने का एहसास हुआ। सतीश श्रीवास ने कुछ ऐसा ही बताया।
कोरबा जिले के भिलाई बाजार क्षेत्र के रहने वाले दिनेश दास महंत को भी रोजगार की तलाश थी। यहां वहां से जानकारी मिलने पर दिनेश प्रमोद के संपर्क में आया और उससे नगद राशि उपलब्ध करा दी। नौकरी पर रखे जाने का विश्वास दिलाने के लिए प्रमोद ने कई तौर तरीके का भी इस्तेमाल किया।
काफी समय से एमएसके के नाम से रोजगार एजेंसी चलाने वाले प्रमोद रावत ने सैकड़ों की संख्या में लोगों को झांसे में लेने के साथ रुपए लिए और वर्दी के अलावा हेलमेट व अन्य सामान उपलब्ध कराएं। फर्जीवाड़ा सामने आने पर मानिकपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। आरोपी के गिरफ्तार होने की खबर लगने पर पुलिस चौकी में पीड़ितों का मजमा लग गया। चौकी प्रभारी ने बताया कि पूरा कारनामा किस तरीके से अंजाम दिया गया।
इस मामले को लेकर कहां जा रहा है कि अब तक लगभग ढाई सौ लोगों के बारे में सूचनाएं मिली है जिनके साथ प्रमोद रावत ने धोखाधड़ी की है। संबंधित दस्तावेज जब किए गए हैं।
प्रमोद के द्वारा उपयोग किए जाने वाले लैपटॉप कंप्यूटर मोबाइल की पड़ताल CYBER सेल से कराई जाएगी। उसके बैंक खातों और संपत्ति को भी सीज कराने की कार्रवाई करेंगे